पश्चिम बंगाल के मालदा में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने का मामला क्या है?

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DMT : कोलकाता : (24 जुलाई 2023) : –

मणिपुर की दो महिलाओं के वायरल वीडियो के सामने आने के बाद से पूरा देश सकते में है, उसी वक़्त सोशल मीडिया पर एक और शर्मसार करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है.

दूसरा वीडियो पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के पखुआहाट का है.

पखुआहाट के साप्ताहिक बाज़ार के इस वीडियो में दो महिलाओं की पिटाई दिख रही है और इस दौरान उनके कपड़े भी उतार दिए जाते हैं.

स्थानीय पुलिस के मुताबिक़ यह घटना 18 जुलाई की है और वीडियो के वायरल होने के बाद इस मामले में अब तक पाँच लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.

इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये भी है कि पीड़िताओं को घटना वाले दिन ही पुलिस ने एक अन्य पुराने मामले में गिरफ़्तार कर लिया और दोनों इस वक़्त न्यायिक हिरासत में हैं.

ज़िला पुलिस अधीक्षक पीके यादव ने बताया कि पीड़िताओं को क्यों गिरफ़्तार किया गया है, इसकी जांच हो रही है.

वायरल वीडियो

वायरल वीडियो में भीड़ दो महिलाओं की निर्दयता से पिटाई करती नज़र आ रही है.

इस दौरान दोनों पीड़िता एक दूसरे को पकड़ते हुए, अपने कपड़े संभालने की कोशिश भी कर रही हैं. दोनों भीड़ से रहम की मांग कर रही हैं.

वीडियो में एक महिला सिविक पुलिस वॉलंटियर इन दोनों को बचाने की कोशिश करती दिखती हैं. सिविक पुलिस वॉलंटियर, राज्य पुलिस की मदद के लिए मासिक वेतन पर रखे जाते हैं.

लेकिन भीड़ के सामने उनकी एक नहीं चली और पिटाई के दौरान ही दोनों महिलाओं के शरीर से कपड़े भी निकल गए. दोनों पीड़िता के निर्वस्त्र होने के बाद भी भीड़ ने पिटाई जारी रखी. कुछ समय के बाद दोनों महिलाएं भीड़ के सामने बेबस हो जाती हैं.

सफेद और पीले रंग की चूड़ीदार पहनी महिला भीड़ का नेतृत्व करती दिखती हैं जबकि एक बुजुर्ग महिला भी दोनों पीड़िता के साथ मारपीट करती दिख रही हैं. ज़्यादातर महिलाओं के हाथों में चप्पल है या फिर वे थप्पड़ से मार रही हैं.

पीड़िता का पक्ष क्या है?

वायरल वीडियो में यह भी दिखता है कि सैकड़ों लोग तमाशबीन बने हुए हैं और कुछ इसे अपने मोबाइल शूट कर रहे हैं.

कुछ पुरुष ‘मारो, मारो और मारो’ कहते दिख रहे हैं. घटना की जगह से पखुआहाट पुलिस चौकी बहुत दूर नहीं हैं लेकिन घटनास्थल पर कोई पुलिस नहीं दिखी.

स्थानीय ग्रामीण शोभा मंडल के मुताबिक़, “सुने हैं कि वीकली मार्केट में दो महिलाओं ने एक पर्स और एक मोबाइल चुरा लिया था. एक महिला ने इन्हें पकड़ लिया और पीटने लगीं. बाद में उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया.”

एक पीड़िता की बेटी ने स्थानीय मीडिया से कहा है कि उनकी मां और चाची पर एक स्थानीय मिठाई दुकानदार ने चोरी का आरोप लगाया था.

एक पीड़िता की बेटी ने कहा, “मेरी मां और चाची, साप्ताहिक बाज़ार में नींबू बेचने जाती थीं. बीते मंगलवार यानी 18 जुलाई को एक मिठाई दुकानदार ने उन पर कुछ चोरी का आरोप लगाया. लेकिन मेरी मां या चाची ने क्या चुराया, इसके बारे में दुकानदार कुछ नहीं बता सका. लेकिन वहां मौजूद भीड़ ने मेरी मां और चाची को पीटना शुरू कर दिया. उनके शरीर पर कोई कपड़ा तक नहीं बचा था.”

पीड़िता की बेटी ने कहा, “अगर उन्होंने कोई अपराध किया होता तो इस तरह की लिंचिंग को जायज ठहराने की कोशिश भी हो सकती थी लेकिन मेरी मां और चाची का कोई अपराध ही नहीं था और इसके बाद उन दोनों को पुलिस ने गिरफ़्तार भी कर लिया. दोनों अभी पुलिस हिरासत में ही हैं.”

एक अन्य ग्रामीण शेख खर्रमूल ने कहा, “पीड़िताओं को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है, ये तो पुलिस की ग़लती है.”

इस पूरे मामले पर मालदा के पुलिस अधीक्षक का रवैया रक्षात्मक दिख रहा है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर कहा, “बामनगोला पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने इन दोनों पीड़िताओं की पहचान एक पुराने मामले के अभियुक्त के तौर पर की. इसलिए उन्हें गिरफ़्तार किया है. लेकिन हम लोग इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.”

पुलिस ने क्या बताया है?

पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया है कि पीड़ित महिलाओं को पुलिस चौकी में तोड़फोड़ के एक पुराने में गिरफ़्तार किया गया है. लिंचिंग के अभियुक्तों की जगह पीड़िताओं को ही गिरफ़्तार किए जाने को लेकर पुलिस की आलोचना हो रही है.

हालांकि रविवार को पुलिस ने लिंचिंग की कोशिश के इस मामले में दो महिलाओं सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया है.

बीजेपी के स्थानीय सांसद खगेन मुर्मू ने कहा, “ना केवल दो महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर कपड़े उतारे गए बल्कि उन्हें पुलिस चौकी ले जाया गया और वहां दो घंटे तक उन्हे उसी स्थिति में रखा गया. हम एसपी से इस पर जवाब चाहते हैं.”

मुर्मू ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एसपी आवास के सामने रात में प्रदर्शन भी किया है.

इस घटना के कई दिन बाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस वीडियो को ट्वीट किया जिसके बाद यह वायरल हुआ और इसको लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.

अमित मालवीय ने ट्वीट में लिखा, “इस दुखद घटना में वह सब कुछ है, जिससे ममता बनर्जी के दिल को तकलीफ़ पहुंचती. केवल आक्रोश जताने के बदले वह कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि बंगाल का गृह मंत्रालय उनके पास ही है, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.”

“ना तो उन्होंने इस बर्बरता की निंदा की है और ना ही अपना दुख ज़ाहिर किया है. इससे बतौर मुख्यमंत्री उनकी अपनी नाकामी जगज़ाहिर होती.”

बीजेपी नेता और मंत्री, इस वीडियो को ट्वीट कर रहे हैं, इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी इस घटना को राजनीतिक चश्मे से देख रही है.

पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. शशि पांजा ने मीडिया से कहा, “अमित मालवीय ने मणिपुर की घटना के बारे में कोई ट्वीट किया है? क्या उन्हें बंगाल के बारे में कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार है.”

मंत्री ने अपने बयान में कहा, “साप्ताहिक बाज़ार में कथित चोरी का मामला था. इन महिलाओं पर कथित चोरी का आरोप था. एक महिला ने ही इन्हें पकड़ा. इस दौरान हाथापाई हुई और इस दौरान इन दोनों महिलाओं के कपड़े उतर गए. क्या यह एक राजनीतिक घटना है? इसे अमित मालवीय राजनीतिक चश्मे से क्यों देख रहे हैं?”

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