प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टेट विज़िट का अमेरिका में कौन कर रहा है विरोध

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DMT : वॉशिंगटन  : (22 जून 2023) : –

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की स्टेट विज़िट पर हैं.

अमेरिका में पीएम मोदी का ज़ोरदार स्वागत हो रहा है लेकिन इस बीच मोदी की इस यात्रा के विरोध के सुर भी सुनाई दे रहे हैं.

वॉशिंगटन में उतरने के बाद उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर का सम्मान दिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फ़र्स्ट लेडी जिल बाइडन ने व्हाइट हाउस में मोदी की मेज़बानी की.

बाइडन और जिल बाइडन ने बीती शाम पीएम मोदी के सम्मान में व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन भी किया.

मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात की कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा है, “व्हाइट हाउस में मेज़बानी के लिए जो बाइडेन और जिल बाइडेन को शुक्रिया. कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई.”

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मोदी ने न्यूयॉर्क में एक योगा सेशन में भी शिरकत की और भारतीय समुदाय से मुलाक़ात की.

उनके इस दौरे को लेकर दोनों देशों में उत्साह देखा जा रहा है और कई विश्लेषक इसे भारत अमेरिकी संबंध को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला क़रार दे रहे हैं.

लेकिन अमेरिका में कुछ हलकों से मोदी के विरोध की आवाज़ें भी सुनने को मिल रही हैं.

संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में वृद्धि हुई है. इसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा भी शामिल हैं.

बीते कुछ सप्ताह से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा का असर भी मोदी की यात्रा के दौरान दिख सकता है.

अमेरिका में भारतीय मूल के कुकी और मैतेई प्रवासियों ने मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ मोदी का विरोध करने का फ़ैसला किया है.

सीआरआईडी अमेरिका में रह रहे हिंदू, मुस्लिम, इसाई, दलित आदि समूहों का एक नागरिक संगठन है.

सीआरआईडी ने एक बयान जारी कर कहा, “हम मोदी के मानवाधिकार रिकॉर्ड, धार्मिक आज़ादी, लोकतांत्रिक गिरावट और नागिरक समाज, आलोचकों और प्रेस के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.”

इस विरोध प्रदर्शन को कोलिशन फ़ॉर रीक्लेमिंग इंडियन डेमोक्रेसी ‘सेव इंडिया फ़्रॉम हिंदू सुप्रिमेसी’ के नाम से आयोजित कर रहा है.

अमेरिकी मीडिया में कई लेख ऐसे प्रकाशित हुए हैं जिनमें मोदी के नेतृत्व में भारत में लोकतंत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता में आई कमी का ज़िक्र किया गया है.

अख़बार लिखता है कि मानवाधिकार संगठन मोदी की अगुवाई में भारत में हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा और लोकतांत्रिक संस्थाओं के पतन पर चिंता ज़ाहिर करते रहे हैं.

अख़बार ने लिखा है कि मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में हुए भयावह धार्मिक दंगे के बाद अमेरिका ने 2005 में उनको वीज़ा देने से इनकार कर दिया था.

अपने इस दौरे में मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति बाइडन के अलावा कई और नेताओं और वहां बसे भारतीय लोगों के अलावा कई व्यापारियों से भी मुलाक़ात करेंगे.

अमेरिका के कुछ नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में मोदी के भाषण का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है.

मिशिगन के 12वें डिस्ट्रिक्ट से प्रतिनिधि राशिदा तालिब ने सोशल मडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा है कि वो साझा सत्र में मोदी के भाषण का बहिष्कार करेंगीं.

उन्होंने लिखा, “देश की राजधानी में मोदी को मंच दिया जा रहा है. मानवाधिकारों का उल्लंघन, अलोकतांत्रिक कदम उठाने, मुसलमानों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को टार्गेट करने और पत्रकारों पर पाबंदियां लगाने का उनका लंबा इतिहास रहा है.”

न्यूयॉर्क के 14वें डिस्ट्रिक्ट से प्रतिनिधि अलेक्ज़ेंड्रिया ओस्कारियो-क्रॉटेज़ ने भी एक बयान जारी कर मोदी के भाषण का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है.

लेकिन स्टेट विज़िट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की ज़ोरदार आवभगत हो रही है.

मोदी की आगवानी के लिए राष्ट्रपति बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन व्हाइट हाउस से बाहर निकलकर आए.

पीएम मोदी के लिए तैयार किए गए रात्रि भोज में मिलेट फूड और कॉर्न सलाद से लेकर स्टफ़्ड मशरूम जैसी चीज़ें शामिल होंगी.

अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन ने बुधवार को बताया था कि उन्होंने इस ख़ास डिनर को तैयार करने के लिए एक विशेष शेफ़ नीना कर्टिस को बुलाया है.

नीना कर्टिस शाकाहारी खान-पान की विशेषज्ञ मानी जाती हैं जिन्होंने इस डिनर के लिए शाकाहारी मेन्यू तैयार किया है.

इससे पहले नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के कई बड़े बिज़नेसमैन और बड़ी शख़्सियतों से मुलाक़ात की है. इनमें अमेरिकी अरबपति एलन मस्क का नाम भी शामिल है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद कहा, “मैं मोदी का फ़ैन हूँ.”

एलन मस्क सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर से लेकर स्पेस कंपनी स्पेस एक्स और इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के मालिक हैं.

मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि टेस्ला जल्द भारत में होगा और इंसानी क्षमता में जितनी जल्दी से हो सकता है, होगा.”

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