यूएई भारत से रुपए में व्यापार के समझौते पर क्या बोला?

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (18 जुलाई 2023) : –

भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ डॉलर की जगह रुपये में कारोबार करने का समझौता किया है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार को यूएई की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे के बीच आसानी से पैसों के लेनदेन के लिए रियल टाइम पेमेंट लिंक भी सेट-अप किया.

अख़बार से बात करते हुए राजदूत अलशाली ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन की यात्रा के दौरान यूएई सेंट्रल बैंक और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के बीच समझौता हुआ और आईआईटी दिल्ली का अबु धाबी में कैंपस पर एमओयू हुआ.

उन्होंने कहा कि जब भी दोनों नेता (मोदी और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद) मिलते हैं तो सभी को ये संदेश जाता है कि ये एक मज़बूत रिश्ता है.

हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हमेशा ही मिलकर और अधिक काम करने की गुज़ाइश बनी रहती है.

यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायेद सितंबर में जी-20 सम्मेलन के लिए भारत आएंगे. द हिंदू ने राजदूत से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल नवंबर में अबु धाबी में होने जा रहे कोप-28 सम्मेलन में हिस्सा लेने का वादा किया है?

इस सवाल पर यूएई के राजदूत ने कहा है कि अभी उन्हें कोई लिखित वादा नहीं मिला है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में शामिल हो सकेंगे.

उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु को न्यौता भेजा है.”

भारत और यूएई के बीच रुपये और दिरहम में लेनदेन का समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब भारत रूस के साथ रूबल और ईरान के साथ रुपये और रियाल में लेन-देन का समझोता समस्याओं में घिरा है. ईरान फिर से समझौते को लागू करने की मांग भी कर रहा है.

राजदूत से पूछा गया कि क्या मोदी के साथ वार्ता में इस पर भी चर्चा हुई और रुपये और दिरहम में लेनदेन से क्या दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ेगा.

जवाब में राजदूत ने कहा, “हमारी वार्ता पूरी तरह द्वपक्षीय रिश्तों पर केंद्रित रही है और दूसरों देशों के साथ लेन-देन पर हमने कोई चर्चा नहीं की है. ये समझौता कारोबार बढ़ाने के उद्देश्य से नहीं है, बल्कि इसका मक़सद ट्रांजेक्शन खर्च को कम करके कारोबार को आसान बनाना हैं, मुद्रा को बदलना आसान करना है. और निश्चित तौर पर इसके नतीजे में कारोबारी अधिक कारोबार करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इससे कारोबारी भारत या यूएई में अपनी पसंद की करंसी में कारोबार कर सकेंगे.”

यूक्रेन युद्ध के बाद कई देश डॉलर में कारोबार का विकल्प खोज रहे हैं. क्या भारत-यूएई के बीच समझौता भी उसी दिशा में हैं?

इस सवाल पर यूएई के राजदूत ने कहा, “हमेशा कोई ना कोई होगा जो हर चीज़ पर राजनीति करने की कोशिश करेगा. ये यूएई और भारत के बीच सिर्फ़ एक द्वीपक्षीय समझौता है. हमने ये तय किया है कि कारोबारियों, निर्यातकों, आयातकों के पास अपना कारोबार स्थापित करने के लिए अधिक विकल्प हों. और ये उन पर ही निर्भर करेगा कि वो कैसे काम करना चाहते हैं.”

वंदे साधारणः आम आदमी के लिए नई डबल इंजन ट्रेन

वंदे भारत ट्रेन को लांच करने के बाद अब भारतीय रेलवे अब नई वंदे साधारण ट्रेन के निर्माण की उम्मीद कर रहा है. हालांकि अभी इस इन ट्रेन का नाम तय नहीं हुआ है.

अख़बार के मुताबिक़ इसका नाम वंदे साधारण या वंदे अंत्योदया हो सकता है. इसमें वंदे भारत जैसी ही सुविधायें हो सकती हैं.

हालांकि ये वंदे भारत की तरह स्वचिल नहीं होगी बल्कि ये इंजन के सहारे से चलेगी.

भारतीय रेलवे की अधिकतर ट्रेन एक इंजन के सहारे चलती हैं लेकिन इस नई ट्रेन में दो इंजन होंगे जो आगे और पीछे लगेंगे.

विपक्ष की बैठकः सोनिया ने ममता, खड़गे और केजरीवाल के साथ खाना खाया

मंगलवार को इस बैठक में 26 विपक्षी दल शामिल हो सकते हैं. इससे पहले सोमवार को विपक्ष के शीर्ष नेताओं ने बैंगलुरु में अनौपचारिक चर्चा की है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तरफ़ से दिए डिनर में भी विपक्षी नेता शामिल हुए.

कांग्रेस ने ये संकेत दिया है कि सींटों के बंटवारे में समय लग सकता है. वहीं टीएमसी और सीपीआई में इस बात में मतभेद रहा कि विपक्षी गठबंधन का नाम होना चाहिए या नहीं.

अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि टीएमसी विपक्षी गठबंधन का नाम रखने के पक्ष में है जबकि सीपीआई (एम) विपक्ष में है.

एनसीपी नेता शरद पवार सोमवार को बैंगलुरू नहीं पहुंचे. वो मंगलवार को यहां पहुंच रहे हैं.

यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने टीएमसी नेता ममता बनर्जी के साथ बैठकर डिनर किया. दोनों नेताओं के बीच क़रीब दो साल बाद मुलाक़ात हुई है. उनती टेबल पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल भी बैठे थे.

संवैधानिक बेंच भेजा जा सकता है दिल्ली अध्यादेश मामला

केंद्र सरकार का अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सिविल सर्विसेज़ पर लेफ्टीनेंट गवर्नर को प्रभावी अधिकार देता है.

सोमवार को तीन जजों की बैंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूण ने कहा, “हम इस मामले को संवैधानिक पीठ को भेजने का विचार कर रहे हैं.”

केंद्र सरकार 20 जुलाई को शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान इस अध्यादेश को संसद में विधेयक के रूप में पेश करेगी.

सरकार की तरफ़ से अदालत में पेश हुए महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि अदालत को इस अध्यादेश पर संसद क्या करती है इसका इंतज़ार करना चाहिए.

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