लालडोरा मुक्त हुआ हरियाणा, मात्र 183 रुपये में रजिस्ट्री

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DMT : चंडीगढ़ : (27 अगस्त 2023) : – मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा के सभी गांवों को लालडोरा मुक्त किया जा चुका है। अभी तक 6,260 गांवों में 25 लाख 17 हजार 266 प्रॉपर्टी कार्डों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इनमें से 24 लाख 51 हजार 613 कार्ड मालिकों को दिए जा चुके हैं। साथ ही, उनके परिवार पहचान-पत्रों से भी जुड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, 3613 गांवों की 4 लाख 62 हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री हो चुकी है। सरकार ने महज 183 रुपये में रजिस्ट्री की है। हरियाणा में शुरू की गई यह योजना केंद्र सरकार को भी पसंद आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ के नाम से इसे पूरे देश में लागू किया।

सीएम शनिवार को आॅडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये ‘प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना’ के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे। एक घंटे के इस कार्यक्रम में 13,334 लोग जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानूनों को खत्म करने का अभियान चलाया है, जिसमें गांव को लालडोरा मुक्त करना भी एक है। मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान रजिस्ट्री पाने वाले जिन 13 लोगों से बातचीत की, उनमें भिवानी से रंजीत, फरीदाबाद से दीप चंद, गुरुग्राम से सतीश, अम्बाला से चमन लाल शर्मा, फतेहाबाद से जगत पाल, यमुनानगर से राजेश, हिसार से बलवान, सोनीपत से बिजेंद्र कुमार, झज्जर से नरेंद्र कुमार, महेंद्रगढ़ से रण सिंह, पलवल से सिंहराज, कैथल से मलकीत सिंह और पानीपत से अनिल शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के लाल डोरे को खत्म करने के अलावा भी हमने जमीन के रिकार्ड के आधुनिकीकरण के लिए कई नए कदम उठाए हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने जमीन की फर्द को ऑनलाइन किया है। अब फर्द लेने के लिए किसी को भी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते।

ई-भूमि वेब पोर्टल मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक विकास परियोजनाओं के लिए जमीनों के जबरन अधिग्रहण की प्रथा को समाप्त किया है। इस दिशा में ई-भूमि वेब पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर किसान विकास परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन स्वेच्छा से दे सकता है। इस पोर्टल पर लगभग 10 हजार किसानों ने अपनी लगभग 26 हजार एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया है।

‘रिमांड’ को खत्म किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने भूमि विवादों के शीघ्र निपटान के लिए ‘रिमांड’ को खत्म किया है। यह प्रथा विवादों के शीघ्र निपटान में बड़ी बाधा थी और भ्रष्टाचार की भी जननी थी। इसके चलते भूमि विवाद पर कई पीढ़ियों तक फैसला नहीं होता था। मामला एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के बीच लटका रहता था।

ई-पंजीकरण प्रणाली

सीएम ने कहा कि लोगों को जमीन की रजिस्ट्री करवाने अथवा तहसील के अन्य कार्यों के लिए इंतजार न करना पड़े तथा कार्यालयों के बार-बार चक्कर न काटने पड़ें, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने ई-पंजीकरण प्रणाली शुरू की है। इसके अंतर्गत रजिस्ट्री के लिए कोई भी व्यक्ति पहले ही अपॉइंटमेंट ले सकता है।

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