DMT : नई दिल्ली : (11 जून 2023) : –
भारत मलक्का जलडमरूमध्य से फ़ारस की खाड़ी तक अपनी नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने जा रहा है.
भारत के दो विमानवाहक पोत, कई विध्वंसक पोत और पनडुब्बियों समेत 35 लड़ाकू विमान इस समन्वित ऑपरेशन में हिस्सा लेंगे.
रूस को सहयोग से बने आईएनएस विक्रमादित्य और भारत में बने नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नेतृत्व में दो कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी) पहली बार अरब सागर में बड़े सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए एक साथ आ रहे हैं.
कैरियर बैटल ग्रुप पानी पर तैरते किसी सैन्य अड्डे जैसा होता है जिसमें लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर होते हैं जो इस अड्डे के इर्द-गिर्द के 200 नॉटिकल मील के इलाक़े पर नज़र रख सकते हैं और ख़तरों का सामना कर सकते हैं.
कैरियर बैटल ग्रुप एक दिन में 400 से 500 नॉटिकल मील तक का सफ़र भी कर सकता है.
शनिवार के नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, “नौसैनिक शक्ति का ये प्रदर्शन भारत की अपने राष्ट्रीय हितों, क्षेत्रीय स्थिरता को बरक़रार रखने और जल क्षेत्र में सहयोग के लिए प्रतिबद्धता को दोहराता है.”
अख़बार लिखता है कि भारत के दो कैरियर बैटल ग्रुप का ये अभ्यास और हाल ही में रफ़ाल लड़ाकू विमानों और सुखोई-30एमकेआई विमानों का पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र में अभ्यास चीन के लिए एक संकेत है.
चीन एक तरफ़ जहां बॉर्डर पर भारत पर दबाव बना रहा है वहीं हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपना दबदबा बढ़ाने के प्रयास कर रहा है. चीन के पास 355 विध्वंसक युद्धपोतों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है.
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन किसी भी समय हिंद महासागर क्षेत्र में 7-8 जासूसी पोत तैनात रखता है और पाकिस्तान की भी मज़बूत नौसेना खड़ी करने में मदद कर रहा है. भविष्य में चीन हिंद महासागर क्षेत्र में कैरियर बैटल ग्रुप तैनात कर सकता है. चीन के पास पहले से ही दो विमानवाहक पोत हैं और वह दस विमानवाहक पोत तक हासिल करने के इरादे रखता है.
फिलहाल हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को थोड़ी बढ़त है क्योंकि चीन के सामने कई चुनौतियां हैं.
हालांकि भारत के पास दो विमानवाहक पोत हैं लेकिन तीसरे विमानवाहक पोत को हासिल करने के लिए उसे अभी स्थायी मंज़ूरी नहीं मिली है. विमानवाहक पोत को तैयार करने में एक दशक तक का समय लग जाता है.
बीस हज़ार करोड़ रुपये की लागत से बना आईएनएस विक्रांत 2024 के शुरुआती महीनों में मिग-29 लड़ाकू विमानों की तैनाती के बाद लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार होगा.
वहीं जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बालाकोट हवाई हमला और सर्जिकल स्ट्राइक ने ये संदेश दियाहै कि भारत सीमा के अंदर और बाहर अपनी रक्षा करने में सक्षम है.
अख़बार लिखता है कि बिहार के रोहतास में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने महज 10 मिनट तक चली बैठकों में सैन्य कार्रवाई की मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की.
दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों से भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के सबूत मांगे हैं.
बृजभूषण शरण सिंह पर सांस जांचने के बहाने सीना छूने और पेट पर हाथ फेरने का आरोप लगाने वाली भारत की दो शीर्ष महिला पहलवानों से दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों के संबंध में आडियो, वीडियो या फोटो सबूत मांगे हैं.
एक महिला पहलवान की तरफ़ से दर्ज कराई गई एफ़आईआर में गले लगाने के दौरान भी उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने इसके सबूत भी मांगे हैं.
एफ़आईआर के मुताबिक़ कथित यौन उत्पीड़न की ये घटनाएं साल 2016 से 2019 के बीच भारतीय कुश्ती संघ के दिल्ली स्थित दफ़्तर और सांसद बृजभूषण सिंह के निवास स्थान 21, अशोका रोड पर हुई थीं.
सीआरपीसी की धारा 91 के तहत महिला पहलवानों को 5 जून को अलग-अलग नोटिस जारी किए गए थे और उन्हें जवाब देने के लिए एक दिन का वक़्त दिया गया था.
एक पहलवान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है, हमारे पास जो भी सबूत थे हमने पुलिस को दे दिए हैं. हमारे एक रश्तेदार ने भी पुलिस ने जो मांगा वो दे दिया है.
एक आरोप के मुताबिक़, जैसा कि एफ़आईआर में दर्ज है, विदेश में मेडल जीतने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने एक महिला पहलवान को 10-15 सेकंड तक गले लगाया और इससे वो असहज हो गईं थीं. महिला पहलवान का आरोप है कि उत्पीड़न से बचने के लिए उसे अपने सीने पर हाथ रखने पड़े.
7 जून को प्रदर्शनकारी पहलवानों और सरकार के बीच पहली बार बातचीत हुई थी और पहलवान 15 जून तक अपना धरना स्थगित करने के लिए तैयार हो गए थे.
सरकार ने कहा है कि दिल्ली पुलिस 15 जून तक यौन उत्पीड़न के आरोपों में अपनी जांच पूरी कर लेगी.
केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए गवर्नर अनुसूइया उइके के नेतृत्व में एक शांति समिति का गठन कर दिया है.
शनिवार को गृह मंत्रालय ने बताया है कि मणिपुर में हिंसक संघर्ष कर रहे समूहों को क़रीब लाने और उनके बीच बातचीत शुरू करवाने के लिए समिति बना दी गई है.
इस समिति में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, कई मंत्री, संसद के सदस्य, विधायक, अलग-अलग राजनीतिक दलों केनेता और नागरिक समाज के सदस्य हैं. इसके अलावा नस्लीय समूहों के सदस्य भी इस समिति में हैं.
इस समिति का मक़सद हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति के लिए वार्ता शुरू करना और आपसी समझ और भाईचारे को बढ़ावा देना है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 29 मई से 01 जून तक चार दिवसीय दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने शांति स्थापित करने के लिए समिति के गठन की घोषणा भी की थी.
वहीं सीबीआई मणिपुर में हिंसा की जांच कर रही है. वहीं एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग भी हिंसा और इसके कारणों की पड़ताल कर रहा है.
कर्नाटक के गुलबर्गा ज़िले में शिक्षकों की अनुपस्थिति की समस्या से निपटने के लिए एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने एक अनूठा तरीक़ा निकाला है.
ब्लॉक अधिकारी ने टीचरों को व्हाट्सएप पर अपनी लाइव लोकेशन साझा करने के लिए कहा है.
इसके पीछे तर्क दिया गया है कि इससे सुबह की प्रार्थना से स्कूल समाप्त होने तक शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी.
अधिकारी का कहना है कि उन्हें स्कूल से शिक्षकों के अनुपस्थित रहने की शिकायतें लगातार मिल रहीं थीं.