DMT : नयी दिल्ली : (21 जून 2023) : –
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत नकली दवाओं के मामले में ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति का पालन करता है। उन्होंने कहा कि खांसी रोकने के लिए भारत निर्मित सिरप के कारण कथित मौतों के बारे में कुछ हलकों में चिंता व्यक्त किए जाने के बाद 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को बंद करने को कहा गया है।
एक बातचीत में मांडविया ने कहा, ‘सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम ‘दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी’ हैं।’ गौर हो कि आरोप लगा था कि पिछले साल खांसी रोकने लिए भारत निर्मित सिरप से गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में क्रमश: 66 और 18 बच्चों की मौत हो गई। भारत ने 2022-23 में 17.6 अरब अमेरिकी डॉलर के कफ सिरप का निर्यात किया, जबकि 2021-22 में यह निर्यात 17 अरब अमेरिकी डॉलर का था। भारत की दवा और विदेशों में मौत के मामले का जिक्र करते हुए मांडविया ने कहा, ‘हमने मौत की वजह जानने की कोशिश की और पाया कि बच्चे को अतिसार था। अगर किसी बच्चे को अतिसार हुआ तो उस बच्चे के लिए कफ सीरप की सलाह किसने दी?’ मंत्री ने कहा, ‘सवाल यह है कि अगर निर्यात के लिए सिर्फ एक बैच बनाया गया था और अगर वह विफल रहता है, तो सभी नमूने विफल हो जाएंगे। यह संभव नहीं है कि 20 नमूने पास हो जाएं और 4 फेल। फिर भी, हम सतर्क हैं।’
कोविड स्थानिक चरण में प्रवेशके कगार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि कोविड-19 स्थानिक बीमारी बनने के कगार पर है, लेकिन भारतीय वैज्ञानिक प्रत्येक नए स्वरूप को लेकर कड़ी नजर रख रहे हैं तथा सरकार हाई अलर्ट जारी रखेगी। गौर हो कि भारत में कोविड-19 के लगभग 4.5 करोड़ मामले सामने आए हैं और कई लहरों के दौरान पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, हाल के महीनों में मामलों की संख्या में काफी कमी आई है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,800 रह गई है। भारत की लगभग 90 प्रतिशत पात्र आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है। मंत्री ने कहा कि भारत के टीकों को अब दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के रूप में जाना जाता है। आज भारत के अनुसंधान वाले और भारत निर्मित पांच टीके बाजार में हैं।