200 साल पुरानी फर्द, सातरोड गांव अवैध घोषित

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DMT : हिसार : (19 सितंबर 2023) : –

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा अंग्रेजों के जमाने की जमीन की एक फर्द को निकाल कर हिसार के औद्योगिक क्षेत्र के साथ करीब 200 साल पहले बसे सातरोड खुर्द गांव में स्वतंत्रता सैनानी स्वर्गीय लाला हरदेव सहाय द्वारा स्थापित स्कूल के अलावा सार्वजनिक पार्क, सरकारी स्कूल व गांव के शिव मंदिर सहित करीब 54 स्थानों पर अवैध कब्जे घोषित कर दिए हैं। जन संवाद कार्यक्रम के दौरान गांव में आए मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को गांवों में अवैध कब्जे हटाने के आदेश देने के बाद अब ग्रामीणों की सांसें रूक गई है। मामले के अनुसार लोक निर्माण विभाग द्वारा अंग्रेजों के जमाने की एक पुरानी फर्द के आधार पर विभाग ने गांव सातरोड खुर्द के खसरा नंबर 262/1, 290/2, 291, 292/1, 293/2, 294, 295/1, 296, 297/2 और 298/1 की पैमाइश तथा डिमार्केशन हरियाणा के एक सेवानिवृत्त चकबंदी अधिकारी श्यामलाल से 1 मार्च, 2022 को कराई थी। इस डिमार्केशन प्लान में इन खसरों की काफी जमीन को अब 200 साल बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा सरकारी व रेलवे की जमीन बताया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार ये सभी भवन अंग्रेजों की बनाई गई पुरानी फर्द में सरकारी जमीन पर बने हैं। इसलिए ये ज्यादातर निर्माण भी अवैध हैं। इसके अतिरिक्त गांव के लगभग 90 घरों, दुकानों और पूरी नंद मार्केट पर इस डिमार्केशन रिपोर्ट के बाद डिमोलिशन का खतरा मंडरा रहा है।

‘कुड़ी’ के अनुसार बंटी थी जमीन

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले सौ-डेढ़ सौ सालों में गांव की आबादी कई गुणा बढ़ी है। गांव सातरोड खुर्द की ग्राम पंचायत ने गांव की शामलात की जमीन को ग्रामीणों में हर घर की कुड़ी (घर में पुरुषों की संख्या के अनुसार) के हिसाब से बांट दिया था। जमीन के इस पंचायती बंटवारे के वक्त किसी भी सरकारी महकमे ने एतराज नहीं किया था।

डिमार्केशन रिपोर्ट को रद्द करें मुख्यमंत्री : ग्रामीण

लोक निर्माण विभाग की इस डिमार्केशन रिपोर्ट के बाद ग्रामीणों ने 7 सितंबर, को गांव में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक ज्ञापन सौंपा और इस डिमार्केशन रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की। हालांकि मुख्यमंत्री ने गांव सातरोड खास के जोहड़ से कब्जे की शिकायत पर नगर निगम मेयर को इस पर उचित करवाई करने और अवैध कब्जे को हटवाने के आदेश दिए थे।

ग्रामीण निगम में जमा करवाते हैं प्रॉपर्टी टैक्स

ग्रामीणों के मुताबिक ये सभी संपत्तियां गांव की लाल डोरा जमीन पर ही बनी हैं। अनेक बार सरकारी विभागों द्वारा सर्वे भी हो चुके है। जब से उनका गांव हिसार नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आया है, तब से सभी मकानों व दुकानों के मालिक बराबर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करते आ रहे हैं। निगम ने मकान नंबर और दुकान नंबर भी अलॉट किये हैं।

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