कनाडा ने भारत के दावे को किया ख़ारिज, ट्रूडो ने अब कही नई बात

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DMT : कनाडा : (23 सितंबर 2023) : –

भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उन्होंने भारत के साथ पहले ही जानकारी साझा की थी.

ये तीसरी बार है जब ट्रूडो ने सार्वजनिक तौर पर इस मुद्दे पर बात की है. हालांकि अब तक भारत कहता रहा है कि कनाडा ने अपने आरोपों के समर्थन में अब तक कोई सबूत पेश नहीं किए.

ख़ालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत पर आरोप लगाने के बाद शुक्रवार को कनाडा की राजधानी ओटावा में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने कई सप्ताह पहले भारत को इस बारे में जानकारी दी थी.

उन्होंने कहा, “भारत के बारे में कह सकता हूं कि सोमवार को मैंने जो कहा था उससे जुड़े विश्वसनीय कारण कनाडा ने भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे.”

उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले की जांच में वो भारत का सहयोग चाहते हैं. उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ सकारात्मक तरीके से काम करना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे की तह तक पहुंचने के लिए वो हमारे साथ सहयोग करेंगे.”

ट्रूडो ने पहले क्या कहा?

इसी सप्ताह सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने देश की संसद में कहा था कि इस साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की जो हत्या हुई थी, इसके पीछे भारतीय एजेंटों की भूमिका हो सकती है.

उन्होंने कहा था, “कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर पता किया है कि कनाडा की ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है. हमारी ज़मीन पर हुई हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना अस्वीकार्य है और ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है.”

इस बयान के बाद कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया. जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक को पांच दिनों के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दे दिया था.

साथ ही कनाडा में भारतीय दूतावास ने वीज़ा सेवाओं पर ये कहते हुए रोक लगा दी कि “ऑपरेशनल वजहों से फिलहाल ये सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं.”

हालांकि ये बात अभी साफ़ नहीं हुई है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की वजह से ही वीज़ा सर्विस रोकी गई है.

इस मसले पर भारत अब तक ये कहता रहा है कि सरकार ने कनाडा से इस संबंध में सबूत मांगे हैं लेकिन अब तक उनके साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई है.

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि “निज्जर की हत्या से जुड़ी कोई जानकारी कनाडा की ओर से साझा नहीं की गई है.”

गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर कनाडा इन आरोपों के पक्ष में सबूत पेश करेगा तो भारत उस पर कार्रवाई करने को तैयार है.

उन्होंने कहा, “कोई भी विशेष जानकारी कनाडा के द्वारा साझा नहीं की गई है. न ही आरोप के पहले और न ही बाद में. हम किसी भी खास सूचना पर गौर करना चाहेंगे लेकिन अभी तक हमें कोई सूचना नहीं मिली है. हमारे पास कुछ लोगों के कनाडाई धरती पर आपराधिक घटनाओं के सबूत हैं, हमने वो जानकारी उनके साथ साझा भी की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.”

उन्होंने भारत में वॉन्टेड लोगों को कनाडा में पनाह दिए जाने के सवाल पर कहा- “उन्हें कनाडा में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें यहां भेजें. हमने पिछले कुछ वर्षों में 20-25 से अधिक लोगों के प्रत्यर्पण या कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया है. लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली.”

ट्रूडो ने इससे पहले क्या कहा?

इससे पहले गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठक में शिरकत करने ट्रूडो न्यूयॉर्क पहुंचे थे.

वहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने दूसरी बार निज्जर की हत्या के संबंध में भारत पर आरोप लगाए, हालांकि उस वक्त उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत होने की बात नहीं की थी.

उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने सोमवार को कहा था इस बात के विश्वसनीय कारण हैं कि कनाडा की ज़मीन पर एक नागरिक की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट शामिल हो सकते हैं. क़ानून मानने वाले और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने वाले देश के लिए ये मूलभूत और बेहद गंभीर मसला है.”

“हमारे यहां स्वतंत्र न्याय व्यवस्था और मज़बूत प्रक्रिया है. मैं भारत सरकार से गुज़ारिश करूंगा कि वो सच तक पहुंचने की कोशिश में हमारा साथ दे.”

इस दौरान ट्रूडो ने कहा कि सोमवार को संसद में भारत सरकार पर आरोप लगाने का फ़ैसला उनके लिए आसान फ़ैसला नहीं था.

उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि सोमवार सवेरे को हाउस ऑफ़ कॉमन्स में ये आरोप लगाना आसानी से लिया फ़ैसला नहीं था, ये बेहद गंभीरता से लिया गया फ़ैसला था. मैं एक बार फिर वही बात दोहराना चाहता हूं जो मैंने सोमवार को कहा था कि विश्वसनीय सबूत हैं जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए.”

इस पूरे विवाद में अमेरिका क्या बोला?

भारत और कनाडा के बीच इस तनाव में एक अहम मोड़ अमेरिका के रुख़ को लेकर आ गया है क्योंकि वो कनाडा का पड़ोसी और अहम मित्र तो है ही, भारत के साथ भी उसके रिश्ते मज़बूत हो रहे हैं.

सोमवार को जब जस्टिन ट्रूडो ने ये आरोप लगाए थे, उसके बाद अमेरिका ने इसे लेकर गहरी चिंता जताई. साथ ही कहा था कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए और कसूरवारों को सज़ा दिलाई जाए.

जिसके बाद शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का सवाब देते हुए कहा कि, “पहला तो ये कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने जो आरोप लगाए हैं उन्हें अमेरिका गंभीरता से लेता है. हम इस मुद्दे पर कनाडा के साथ लगातार संपर्क में हैं.”

“ये ज़रूरी है कि कनाडा इस मामले की गंभीरता से जांच करे और भारत इसमें सहयोग करे. इसके लिए ज़िम्मेदारी तय की जाए. हम इस पर भारत सरकार के साथ भी लगातार संपर्क में हैं.”

हम सीमा के बाहर कथित दमन की किसी भी घटना को लेकर बेहद सतर्क हैं, इसे अमेरिका बेहद गंभीरता से लेता है और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के लिए यह ज़रूरी है कि कोई भी देश जो इस तरह के काम में शामिल होने के बारे में सोच सकता है, वह ऐसा न करे. यह कुछ ऐसा है जिस पर हम और व्यापक तरीके से ध्यान दे रहे हैं.”

इससे पहले गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका कनाडा और भारत के साथ संपर्क में है और अमेरिका, भारत को कोई ‘विशेष छूट’ नहीं देगा.

उन्होंने कहा था कि अमेरिका इस मामले में दोनों देशों के साथ संपर्क में है.

उन्होंने कहा था, “यह एक ऐसी चीज़ है, जिसे हमें गंभीरता से लेते हैं. यह एक ऐसा मामला है जिस पर हम काम करना जारी रखेंगे और किसी देश की परवाह किए बिना हम ऐसा करेंगे. इस तरह के काम के लिए आपको कोई विशेष छूट नहीं मिलती है. देश की परवाह किए बिना हम खड़े होंगे और अपने बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा करेंगे. हम कनाडा जैसे सहयोगियों के साथ भी नज़दीकी से काम करेंगे, क्योंकि इस मामले में जांच और राजनयिक प्रक्रिया को कनाडा आगे बढ़ा रहा है.”

इस रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस संबंध में ख़ुफ़िया जानकारी इकट्ठा की है, इसमें कनाडा में मौजूद भारतीय अधिकारियों के कम्यूनिकेशन शामिल हैं, साथ ही कुछ जानकारी फ़ाइव आईज़ में शामिल एक सहयोगी से मिली है.

फ़ाइव आईज़ अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच बना एक गठबंधन है जिसके तहत ख़ुफ़िया जानकारियां साझा की जाती हैं.

ट्रूडो ने अब तक ये ज़ाहिर नहीं किया है कि कनाडाई ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इस हत्या से जुड़ी क्या जानकारी इकट्ठा की है. लेकिन रॉयटर्स के अनुसार कनाडाई सरकार ने अब तक सीबीसी न्यूज़ में छपी ख़बर से न तो इनकार किया है और न ही इसकी पुष्टि की है.

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