कनाडा: सोशल मीडिया पर धमकी भरे वीडियो को लेकर क्या कह रहे हिंदू

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DMT : कनाडा : (23 सितंबर 2023) : –

भारत और कनाडा के संबंधों में आए तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल है जिनमें एक समुदाय से कनाडा छोड़ने को कहा गया है.

इस वीडियो के सामने आने के बाद कनाडा की सरकार ने कहा है कि वो इसकी कड़ी आलोचना करती है और ‘कनाडा की ज़मीन पर इस तरह की नफ़रत की कोई जगह नहीं है.’

कनाडा में रह रहे हिंदुओं के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो को लेकर वहां के नेताओं से लेकर आम नागरिक तक इस पर चर्चा कर रहे. वहां रहने वाले कई हिंदू भी इसे मामले को लेकर ‘डरे होने’ की बात कर रहे हैं.

एक अन्य पोस्ट में मंत्रालय ने लिखा, “आक्रामकता, नफ़रत, धमकी देना या डर फैलाने जैसी गतिविधियों के लिए देश में कोई स्थान नहीं है, ये देश को बांटने का काम करते हैं. हम कनाडा के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वो एक दूसरे का सम्मान करें और क़ानून का पालन करें. कनाडा के सभी नागरिकों को ये हक है कि वो अपने समुदायों में ख़ुद को सुरक्षित महसूस करें.”

वहीं वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की एक सोशल पोस्ट के जबाव में पब्लिक सेफ़्टी मंत्री हरजीत एस सज्जन ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं और सभी भारतीयों से अपील की.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कोई भी अगर आपसे ये कहता है कि आपको अपने घर में सुरक्षित रहने का अधिकार नहीं है, वो आज़ादी और दया दिखाने के उन मूल्यों को अहम नहीं मानता जिन्हें कनाडाई नागरिक बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं. किसी को ये हक़ न दें कि वो आपकी जगह और कनाडा के प्रति आपके प्यार पर सवाल उठाए.”

राजदीप सरदेसाई ने लिखा था कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है.

इससे पहले ‘हिंदू फोरम कनाडा’ नाम के एक संगठन ने डोमिनिक लेब्लांक के नाम एक पत्र लिखकर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयानों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी.

उन्होंने इसमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह को टैग किया था और लिखा था, “18 सितंबर को प्रधानमंत्री ट्रूडो के संसद में बयान देने के बाद तनाव बढ़ गया है. पन्नू और उनके जैसे अन्य लोग, जो खालिस्तान समर्थक हैं, उन्होंने पहले भी साफ़ किया है कि वो उनकी विचारधारा से अलग लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

“प्रधानमंत्री और जगमीत सिंह खालिस्तान समर्थकों से जुड़ी घटनाओं को अभिव्यक्ति की आज़ादी कहकर उनका बचाव करते रहे हैं. लेकिन पन्नू ने भारतीय-कनाडाई लोगों ख़ासकर हिंदुओं को निशाना बनाकर जो कहा है उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसे धमकी माना जाना चाहिए. प्रधानमंत्री और जगमीत सिंह इसे हेट क्राइम करार दें.”

इससे पहले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा था, “कनाडा के हिंदू कनाडा के प्रति अपनी वफ़ादारी साबित करें या फिर वापस इंडिया चले जाएं. खालिस्तान समर्थक सिख कनाडा के प्रति वफ़ादार हैं और यहां के संविधान को मानते हैं.”

कनाडा के पब्लिक सेफ़्टी मंत्रालय ने इसी वीडियो की कड़ी आलोचना की और बयान जारी कर इसे नफ़रत से भरा बताया.

उन्होंने लिखा, “यह आपका घर है और आपको यहां रहने का हक़ है. कोई भी अगर इससे हटकर कोई बात करता है तो वो कनाडा के लोगों के समावेशी, दया और प्यार के मूल्यों को को नहीं मानता.”

कनाडा में होने वाले चुनावों में जस्टिन ट्रूडो के प्रतिद्वंद्वी और कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पीयरे पोलिवर ने सोशल मीडिया पर ख़ुलकर कहा है कि कनाडा के सभी नागरिकों को बिना किसी खौफ़ के जीने का और अपने समुदाय में रहने का हक़ है.

उन्होंने लिखा, “हाल के दिनों में मैंने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं के ख़िलाफ़ नफ़रत भरी टिप्पणियां देखी हैं. कंज़र्वेटिव पार्टी हमारे हिंदू पड़ोसियों और दोस्तों के ख़िलाफ़ इन टिप्पणियों की आलोचना करती है. देश के हर हिस्से में हिंदुओं ने बहुमूल्य योगदान दिया है और उनका यहां हमेशा स्वागत किया जाएगा.”

इसे लेकर कनाडा में रहने वाले कई भारतीय भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

सुपर्णा शर्मा लिखती हैं, “मैं भारतीय हूं और अपनी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा में मैंने भारत में ही बिताया है. मैं कई देशों में गई हूं. कई बार कुछ शहरों में मैंने ख़ुद को असुरक्षित महसूस किया और साल 2014 के बाद से ये बढ़ा है. लेकिन अपनी पूरी ज़िंदगी में मैंने जब भी भारत या विदेश में किसी सिख व्यक्ति या गुरुद्वारा को देखा है, मैंने ख़ुद को सुरक्षित महसूस किया है.”

श्री पराडकर पत्रकार हैं और कनाडा में रहती हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं हिंदू हूं. मैं कई सालों से कनाडा में रह रही हूं. कभी कभी व्हाइट सुप्रिमेसिस्ट के कारण मैंने ख़ुद को असुरक्षित महसूस किया है. लेकिन मैंने कभी किसी सिख व्यक्ति की वजह से ख़ुद को असुरक्षित महसूस नहीं किया, भले ही वो खालिस्तान समर्थक हों या न हों.”

“लेकिन एक ट्वीट देखकर मैं चौंक गई.”

श्री पराडकर ने जिस ट्वीट के जबाव में ये लिखा वो कविता नाम की एक यूज़र का है जिसमें वो लिखती हैं कि ‘मैंने आज से पहले कभी ख़ुद को इतना असुरक्षित महसूस नहीं किया.’

वे लिखती हैं, “मैं ऐसे संकेत देख रही हूं जिनमें हमें देश छोड़ कर जाने को कहा जा रहा है. मैं हिंदू मंदिरों पर हमले देख रही हूं. मैं देख रही हूं कि हिंदुओं को धमकी दी जा रही है. इन्हें रोकने की कोई कोशिश होती भी नहीं दिख रही.”

कविता नाम की इस यूज़र की पोस्ट का जवाब सिद्धार्थ नाम के यूज़र ने दिया है.

उन्होंने लिखा है, “अपने ट्वीट में हिंदू और मुसलमान, मंदिर को मस्जिद और कनाडा को इंडिया से बदल कर देखें. ये वही स्थिति है जो 2014 के बाद से भारत के मुसलमान झेल रहे हैं.”

अब तक क्या-क्या हुआ?

18 सितंबर

  • जस्टिन ट्रूडो ने देश की संसद में कहा था, “इस साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की जो हत्या हुई थी, इसके पीछे भारतीय एजेंटों की भूमिका हो सकती है.”

21 सितंबर

  • विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “निज्जर की हत्या से जुड़ी कोई जानकारी कनाडा की ओर से साझा नहीं की गई है. हम किसी भी ख़ास सूचना पर ग़ौर करना चाहेंगे लेकिन अभी तक हमें कोई सूचना नहीं मिली है.”
  • संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठक में शिरकत करने न्यूयॉर्क पहुंचे ट्रूडो ने संवाददाताओं से बात करते हुए एक बार फिर निज्जर की हत्या के संबंध में भारत पर आरोप लगाए. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “हाउस ऑफ़ कॉमन्स में आरोप लगाना बेहद गंभीरता से लिया गया फ़ैसला था.”
  • कनाडा के लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने वहां हिंदुओं से सावधान रहने की अपील की और एक वीडियो जारी कर कहा कि खालिस्तान समर्थक नेता कनाडा में हिंदुओं और सिखों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.
  • अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका कनाडा और भारत के साथ संपर्क में है और अमेरिका, भारत को कोई ‘विशेष छूट’ नहीं देगा.

22 सितंबर

  • ओटावा में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने कई हफ़्ते पहले भारत को इस बारे में जानकारी दी थी.
  • अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “ये ज़रूरी है कि कनाडा इस मामले की गंभीरता से जांच करे और भारत इसमें सहयोग करे. इसके लिए ज़िम्मेदारी तय की जाए.”

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