किसी भी राज्य को एक बूंद पानी नहीं देंगे : मान

Chandigarh Hindi

DMT : चंडीगढ़ : (06 ਅਕਤੂਬਰ 2023) : – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा। मान ने यहां अपने आवास पर मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही। बैठक का कोई आधिकारिक एजेंडा जारी नहीं किया गया, लेकिन मंत्रिपरिषद ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके निवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की जेलों में उम्र कैद की सज़ा भुगत रहे दो कैदियों का आगामी रिहाई केस भेजने के लिए भी सहमति जताई गयी। अब मामले को पंजाब के राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

मान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बैठक में एसवाईएल मुद्दे पर भी चर्चा की गयी… किसी भी अन्य राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा…जल्द ही राज्य विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाए जाने पर भी चर्चा की गयी… कई जन हितैषी फैसलों को भी मंजूरी दी गयी।’ यह बैठक तब बुलायी गयी है जब एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नीत केंद्र सरकार से कहा कि वह पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करे जिसे राज्य में सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के हिस्से के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था। पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है।

मंत्रिमंडल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सतलुज दरिया पहले ही सूख चुका है और पंजाब के पास किसी और राज्य के साथ एक बूंद भी साझा करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय नियमों के मुताबिक पानी की मौजूदगी के बारे फिर मूल्यांकन करने की ज़रूरत है। मंत्रिमंडल ने विचार किया कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लाक (153 में से 117) खतरे की कगार पर हैं, जबकि धरती में से शत प्रतिशत पानी निकाला जा रहा है। दूसरी तरफ़ हरियाणा में सिर्फ़ 61.5 प्रतिशत (143 में से 88 ब्लाक) खतरे की स्थिति में हैं। हरियाणा में हालांकि राजनीतिक संगठनों ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के लोग एसवाईएल के पानी के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी। हरियाणा ने अपने क्षेत्र में इस परियोजना को पूरा कर लिया है, लेकिन पंजाब, जिसने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था, ने बाद में इसे रोक दिया।

31 दिसंबर तक 3% अतिरिक्त स्टैंप ड्यूटी से छूट

पंजाब निवासियों को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिमंडल ने शहरी इलाकों (नगर निगम और क्लास- 1 नगर परिषदों) में 31 दिसंबर, 2023 तक जायदाद की रजिस्ट्रेशन पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त स्टैंप ड्यूटी (सामाजिक सुरक्षा फंड) से छूट देने की मंजूरी दे दी है। इस कदम से शहरी इलाकों में जमीन खरीदने वालों को राहत मिलेगी।

गुरमिंदर सिंह पंजाब के महाधिवक्ता नियुक्त

पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ वकील गुरमिंदर सिंह को राज्य का नया महाधिवक्ता (एजी) नियुक्त किया। वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद घई के एजी पद से इस्तीफा देने के बाद यह नियुक्ति की गयी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने नए एजी के रूप में सिंह के नाम को मंजूरी दी। आपराधिक मामलों के एक प्रमुख वकील घई ने जुलाई 2022 में एजी का पद संभाला था। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू की जगह ली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *