टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्याज? 40% निर्यात शुक्ल के विरोध में सड़कों पर महाराष्ट्र के किसान

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  • आगे आने वाले दिनों में आम जनता को प्याज रुला सकती है. कीमतों पर लगाम के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क (ड्यूटी)) लगाने का फैसला किया है. यानी प्याज को विदेश बेजने पर विक्रेता को 40 फीसदी शुल्क सरकार को देना होगा.

DMT : मुंबई : (21 अगस्त 2023) : – टमाटर की कीमतें आसमान छूने के बाद अब व्यापारियों को प्याज की कीमतों को लेकर चिंता सता रही है. व्यापारियों के मुताबिक, आने वाले दिनों में प्याज के दामों में इजाफा हो सकता है. दरअसल, सरकार ने निर्यात पर 40% शुल्क लगाया, तो महाराष्ट्र के किसान इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. तीन जिलों में आंदोलन हो रहा है. थोक बाजार में बिक्री रोकी गई है. प्याज़-व्यापारियों के इस बंद का असर देश की मंडियों में भी दिख सकता है.

हाल में आई क्रिसिल (CRISIL) की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शाकाहारी थाली 28% महंगी हो गई है. मांसाहारी थाली 11% महंगी हुई है. इस हिसाब से देखा जाए, तो टमाटर ने थाली के ऊपर एक बड़ा असर डाला है. बाकी सब्जियां भी सस्ती नहीं हैं. उनके भी दाम काफी ज्यादा है और आगे आने वाले दिनों में आम जनता को प्याज रुला सकती है. कीमतों पर लगाम के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क (ड्यूटी)) लगाने का फैसला किया है. यानी प्याज को विदेश बेजने पर विक्रेता को 40 फीसदी शुल्क सरकार को देना होगा.

कहां हो रहे प्रदर्शन?
केंद्र सरकार के फैसले को लेकर नासिक के सताना, मालेगांव और लासलगांव में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. पुणे के मंचर में थोक बाजारों में किसानों ने प्रदर्शन किया. अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में प्याज किसानों ने थोक बाजार में प्याज की चल रही नीलामी रोक दी. नासिक के दिंडोरी में भी किसानों ने रास्ता रोको आंदोलन किया. किसान सभा ने कहा है कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे महाराष्ट्र के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन होंगे.

क्या कहते हैं किसान?
किसान सुदाम बोडके बताते हैं, “हर व्यापारी के पास माल है. अब इस 40% शुल्क के बाद व्यापारियों को नुकसान होगा, जिसकी वजह से वो अब कम भाव में किसान का माल खरीदेंगे. सबको इसका नुकसान होगा. किसानों के पास चार महीने का माल स्टॉक वो पहले से ही 30% घाटा सह रहे हैं. इसके बाद तो बर्बाद हो जाएंगे.”

क्या कहते हैं व्यापारी?
व्यापारी संजय परदेशी कहते हैं, “40% शुल्क से भारी नुकसान होगा. व्यापारियों और किसानों के बंद बुलाने के बाद, पूरे देश के मंडियों पर इसका असर दिखेगा.”

क्या कहते हैं किसान सभा नेता?
किसान सभा नेता डॉक्टर अजीत नवले कहते हैं, “किसान सभा की ओर से हम किसानों के आंदोलन की सराहना करते हैं. केवल नासिक नहीं पूरे महाराष्ट्र में किसान रास्तों पर आये. बाज़ार मंडियां बंद करे. केंद्र सरकार जिस तरह से लगातार किसान विरोधी निर्णय ले रही है, उसका विरोध करे. हम किसान सभा की ओर से ये अपील करते हैं.”

क्या कहते हैं राज्य के कृषि मंत्री?
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि वो इस सिलसिले में मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे. धनंजय मुंडे ने कहा, “मैं राज्य का कृषि मंत्री होने के नाते मानता हूं कि प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क हमारे किसानों के साथ अन्याय है. मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे और मुद्दे का कोई उचित समाधान खोजने का प्रयास करेंगे. किसानों की भावनाओं को केंद्रीय मंत्री तक पहुंचाया जाएगा. प्याज का मुद्दा सुलझाया जाएगा.”

वहीं, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा-शिवसेना सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों की समर्थक है. प्याज की कीमतों पर काबू रखने की सरकार की कोशिश के बीच किसानों के आंदोलन ने विपक्ष को मौका दे दिया दिया है.

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