ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने कहा, भारत सरकार ने दी थी धमकी, मोदी सरकार ने दिया जवाब

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (13 जून 2023) : –

ट्विटर के संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि भारत में किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने उन्हें ट्विटर को बंद कर देने की धमकी दी थी.

जैक डोर्सी ने दावा किया कि उनसे भारत के कई ऐसे पत्रकारों के अकाउंट बंद करने के लिए कहा गया था जो सरकार के आलोचक थे.

भारत सरकार ने जैक डोर्सी के इन आरोपों को खारिज किया है. मोदी सरकार में इलेक्ट्रॉनिक एवं टेक्नॉलजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक बयान में कहा है कि भारत में ना ही ट्विटर के दफ़्तर पर छापा मारा गया था और ना ही किसी को जेल भेजा गया था.

जैक डोर्सी के इन आरोपों के बाद भारत में लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरकार के रवैये पर सवाल भी उठा रहे हैं.

जैक डोर्सी का दावा

जैक डोर्सी ने ये दावा सोमवार को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट के साथ साक्षात्कार में किया है.

जैक डोर्सी से ‘ताक़तवर लोगों’ की मांगों के संबंध में सवाल पूछा गया था. इस सवाल में भारत का नाम भी नहीं लिया गया था.

इसके जवाब में डोर्सी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर को बंद तक करने की धमकी दी थी.

जैक डोर्सी से पूछा गया था, “दुनियाभर के ताक़तवर लोग आपके पास आते हैं और कई तरह की मांगें करते हैं, आप नैतिक सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं, इन हालात से आप कैसे निकलते हैं?”

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मिसाल के तौर पर भारत एक ऐसा देश है, जहाँ से किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थीं. कुछ ख़ास पत्रकार सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में. एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, भारत हमारे लिए बड़ा बाज़ार है. आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मार देंगे, जो उन्होंने किया. हम आपके आफ़िस बंद कर देंगे, अगर आप हमारी बात नहीं मानेंगे. ये भारत में हो रहा था, जो लोकतांत्रिक देश है.”

जैक डोर्सी को भारत ने दिया जवाब

भारत सरकार ने जैक डोर्सी के आरोपों को ख़ारिज किया है. भारत के इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा है कि ये ट्विटर के इतिहास के एक संदिग्ध दौर को साफ़ करने का प्रयास है.

उन्होंने कहा कि जैक डोर्सी के नेतृत्व में ट्विटर और उनकी टीम लगातार भारतीय नियमों का उल्लंघन कर रही थी. तथ्य ये है कि साल 2020 से 2022 के बीच उन्होंने लगातार भारत के क़ानूनों का पालन नहीं किया. ट्विटर ने अंततः जून 2022 में क़ानूनों का पालन किया.

उन्होंने कहा कि ना ही कोई जेल गया था और ना ही ट्विटर बंद हुआ था.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ट्विटर ने ऐसा व्यवहार किया जैसे भारत के क़ानून उस पर लागू ही नहीं होते हैं. भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उसे ये सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम कर रही सभी कंपनियां भारतीय क़ानूनों का पालन करें.”

किसान आंदोलन के समय का हवाला देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “जनवरी 2021 के प्रदर्शनों के दौरान, बहुत सी भ्रामक जानकारियां थीं और यहां तक की जनसंहार तक की रिपोर्टें आ रहीं थीं जो बिल्कुल फ़र्ज़ी थीं. भारत सरकार प्लेटफॉर्म से ऐसी जानकारियां हटवाने के लिए बाध्य थी क्योंकि ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरें हालात को और गंभीर बना सकती थीं.”

राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अमेरिका में हुए घटनाक्रम का हवाला दिया.

उन्होंने कहा, “जैक के समय में ट्विटर का भेदभावपूर्ण रवैया इस स्तर का था कि उन्हें भारत में तो भ्रामक जानकारियां हटाने से दिक्कत थी लेकिन अमेरिका में नहीं थी.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत में किसी पर भी रेड नहीं डाली गई थी और ना ही किसी को जेल भेजा गया था. हमारा मक़सद सिर्फ़ भारतीय क़ानूनों का पालन सुनिश्चित कराना था.

एलन मस्क के बारे में डोर्सी ने क्या कहा?

इस साक्षात्कार में जैक डोर्सी ने ट्विटर के मौजूदा मालिक एलन मस्क के बारे में भी बात की.

उन्होंने एलन मस्क के कई क़दमों को ‘काफ़ी लापरवाह’ कहा.

डोर्सी ने बताया कि उन्होंने मस्क से कई बार ट्विटर के बोर्ड में शामिल होने का आग्रह किया था. पिछले साल मस्क बोर्ड में शामिल हो गए और इसके बाद उन्होंने ट्विटर को ख़रीदने का प्रस्ताव रखा.

मस्क के बारे में डोर्सी ने कहा, “एलन हमारे नंबर एक यूज़र थे. वो नंबर एक ग्राहक भी थे..वो हमारे प्लेटफॉर्म को गहराई से समझते थे. वो टेक्नॉलजिस्ट हैं और तकनीक का निर्माण करते हैं.”

हालांकि मस्क ट्विटर की ख़रीद का प्रस्ताव देकर पीछे हट गए थे और ट्विटर को मुक़दमा करना पड़ा था. इसके बाद मस्क ने ट्विटर को ख़रीद लिया था.

कॉन्टेंट हटाने की मांग करने में भारत नंबर एक

ट्विटर की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ एक जनवरी 2022 से 30 जून 2022 के बीच ट्विटर को दुनियाभर की सरकारों ने कॉन्टेंट हटाने की मांग करते हुए 53000 क़ानूनी नोटिस भेजे.

ट्विटर से नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 6,586,109 कॉन्टेट सामग्रियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया, जिनमें से ट्विटर ने 5,096,272 अकाउंट पर कार्रवाई की जबकि 1,618,855 अकाउंट ट्विटर के नियमों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिए गए. ट्विटर को 85 से अधिक देशों की सरकारों ने यूज़र डेटा हासिल करने की 16 हज़ार से अधिक मांगें भेजीं.

ट्विटर के मुताबिक़ ये मांगे करने वाले शीर्ष देश हैं- भारत, अमेरिका, फ़्रांस, जापान और जर्मनी.

सोशल मीडिया पर सवाल

जैक डोर्सी के इस साक्षात्कार के बाद सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं.

यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास बीवी ने जैक का वीडियो शेयर करते हुए एक ट्वीट में कहा, “मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी- अनफ़िल्टर्ड”

पत्रकार राणा अय्यूब ने जैक डोर्सी के आरोपों को ‘घातक’ बताया है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जैक डोर्सी के बयान को ट्विटर पर साझा किया और लिखा, “भारत सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन और सरकार के आलोचकों को ब्लैक आउट करने के लिए कहा.”

कांग्रेसी नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय से जुड़े गौरव पांधी ने एक ट्वीट में कहा, “ये इस बात का एक और स्पष्ट संदेश है कि मोदी और शाह अभिव्यक्ति की आज़ादी से कितना डरते हैं.”

किसान आंदोलन और ट्विटर

भारत में किसानों ने मोदी सरकार के किसानों से जुड़े तीन क़ानूनों के ख़िलाफ़ लंबा आंदोलन किया था और आख़िरकार सरकार को ये क़ानून वापस लेने पड़े थे.

इस दौरान किसान दिल्ली को बाहरी राज्यों से जोड़ रही सीमाओं पर डटे रहे थे.

अगस्त 2020 में किसानों ने इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू किए थे और नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चे लगा दिए थे.

फ़रवरी 2021 में ट्विटर भारत सरकार की मांग पर ट्विटर ने किसान आंदोलन से जुड़े कई अहम अकाउंट प्रतिबंधित कर दिए थे.

उस समय इन अकाउंट पर रोक लगाए जाने के बारे में बताते हुए ट्विटर ने कहा था, “क़ानूनी बाध्यताओं की वजह से भारत में आपका अकाउंट फ़िलहाल के लिए रोक दिया गया है.”

इनमें किसान आंदोलन के अधिकारिक अकाउंट सहित कई प्रभावशाली अकाउंट शामिल थे.

भारत सरकार से ट्विटर का टकराव

किसान आंदोलन के दौरान अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने के दौरान ट्विटर और भारत सरकार के बीच टकराव की ख़बरें भी आईं थीं.

भारत के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सूचना प्राद्योगिकी रविशंकर प्रसाद ने फ़रवरी 2021 में ट्विटर पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया था.

राज्यसभा में रविशंकर प्रसाद ने कहा था, “कैपिटल हिल की घटना के बाद ट्विटर की ओर से की गई कार्रवाई का समर्थन करते हैं. आश्चर्य है कि लाल क़िले की हिंसा पर उनका स्टैंड अलग है.”

जून 2021 में रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट भी दो घंटो के लिए ब्लॉक हुआ था. इस पर प्रसाद ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ”ऐसा लगता है कि ट्विटर की मनमानी और एकतरफ़ा हरकतों को लेकर मैंने जो बयान दिए, ख़ास तौर पर मेरे इंटरव्यू के क्लिप्स को टीवी चैनलों के साथ शेयर करने और उसके ज़ोरदार असर से, उन्हें तकलीफ़ हुई है.”

“अब ये साफ हो गया है कि ट्विटर क्यों इंटरमीडयरी गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार कर रहा है. क्योंकि अगर ट्विटर इसका पालन करता है तो वो एकतरफ़ा तरीक़े से किसी व्यक्ति को अपना अकाउंट एक्सेस करने से रोक नहीं पाएगा. ये बात उनके एजेंडे को सूट नहीं करती है.” “

प्रसाद ने कहा था, ”ट्विटर की कार्रवाई से ये संकेत मिलता है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अगुआ नहीं हैं, जैसा कि वे दावा करते हैं. लेकिन उनकी दिलचस्पी केवल अपना एजेंडा चलाने में है… इसी धमकी के साथ कि अगर आपने उनकी बात नहीं मानी तो वे आपको एकतरफ़ा तरीके से अपने प्लेटफॉर्म से हटा देंगे.”

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ का आयोजन किया था, जिस दौरान राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक वारदातें देखने को मिलीं. लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा लाल क़िले पर हुई हिंसा की हो रही थी, जिसके बाद सरकार ने ट्विटर को लगभग 1100 अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था.

सरकार का दावा था कि इनमें से ज़्यादातर अकाउंट खालिस्तान समर्थकों के हैं या फिर कुछ ऐसे लोगों के भी हैं जो कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन या फिर 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं और ग़लत खबरें और सूचनाएं प्रसारित कर रहे थे.

सरकार के निर्देश के बाद ट्विटर ने कुछ अकाउंट ब्लॉक तो कर दिए, मगर उसने बाद में इनमें से कई अकाउंट्स को फिर से बहाल कर दिया.

तब ट्विटर की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि उसने मीडिया से जुड़े लोग, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के अकाउंट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

उस समय ट्विटर ने कहा था, “हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करते रहेंगे और हम भारतीय क़ानून के अनुसार इसका रास्ता भी निकाल रहे हैं.”

जब ट्विटर इंडिया के दफ़्तर पहुंची दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस की एक टीम 24 मई 2021 की शाम “टूलकिट मैनिपुलेशन मीडिया” मामले की जाँच के सिलसिले में ट्विटर इंडिया के गुरुग्राम स्थित दफ़्तर पहुँची थी.

इसी दिन दोपहर में ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामलें में ट्विटर इंडिया को एक नोटिस भेजा था.

टूलकिट से जुड़ा मामला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के आरोप से संबंधित था.संबित पात्रा ने कांग्रेस पर टूलकिट इस्तेमाल करके बीजेपी और देश की छवि ख़राब करने का आरोप लगाया था.

18 मई को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष ने चार-चार पेज के अलग-अलग दो डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए थे. इनमें से एक डॉक्यूमेंट कोविड-19 को लेकर था और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर.

इन ट्वीट्स में दावा किया गया था कि ये कांग्रेस का टूलकिट है और कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए ये टूलकिट तैयार किया है.

इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान भी कार्यकर्ताओं पर टूलकिट का इस्तेमाल करने और ट्विटर के ज़रिए भ्रामक जानकारियां फैलाने के आरोप लगाए गए थे.

अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था. तब रिहाना के ट्वीट को भी तथाकथित टूलकिट का हिस्सा बताया गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *