निलंबित सीबीआई जज का भतीजा मनी लान्ड्रिंग में गिरफ्तार

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DMT : पंचकूला : (17 जून 2023) : –

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने हरियाणा की विशेष सीबीआई के निलंबित जज सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार को एम3एम मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार दोपहर अजय परमार को पंचकूला के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार के न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। ईडी ने अजय परमार का 14 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन न्यायालय ने केवल चार दिन के रिमांड की स्वीकृति दी।

सीबीआई के निलंबित जज सुधीर परमार के भतीजे और कंपनी में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्यरत अजय परमार के बैंक खातों में लाखों रुपये की ट्रांसजेक्शन के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एक भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लान्ड्रिंग के मामले में रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी एम3एम के प्रमोटर बसंत बंसल और उनके बेटे पंकज बंसल को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद अजय परमार की गिरफ्तारी हुई है। इडी के अधिकारियों का कहना है कि अजय परमार के आवास पर बृहस्पतिवार देर शाम तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से कुछ अहम सबूत भी मिले हैं। अजय परमार अपने चाचा और पूर्व इडी/सीबीआई जज सुधीर परमार और एम3एम इंडिया के निदेशक रूप कुमार बंसल के साथ पंचकूला में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज 17 अप्रैल की प्राथमिकी में आरोपित है। अजय को एसीबी ने 13 जून के प्रवर्तन में नामजद किया है। निलंबित न्यायिक अधिकारी सुधीर परमार और गिरफ्तार एम3एम निदेशक रूप बंसल को भी इसी एफआईआर में नामजद किया गया है।

एसीबी की एफआईआर के अनुसार एम3एम समूह, उसके प्रमोटर रूप बंसल और उसके भाई बसंत बंसल को आईआरइओ से धन हड़पने के मामले में पीएमएलए अदालत के सिटिंग जज के रूप में सुधीर परमार को लाभ दिया गया। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में अजय का वेतन लगभग 10 लाख रुपये प्रति वर्ष तय किया गया और अभियोजन पक्ष की शिकायत (चार्जशीट) दायर करने और मामले में अनंतिम कुर्की आदेश पारित होने के बाद उसकी सैलरी में काफी वृद्धि की गई थी। अजय परमार का वेतन अगस्त 2022 में एम3एम निदेशकों द्वारा लगभग दोगुना कर दिया गया था, जिससे पता चलता है कि वेतन वृद्धि का सीधा संबंध सुधीर परमार को लाभ देना चाहते थे।

400 करोड़ रुपये लिए

अजय परमार द्वारा दायर इनकम टैक्स रिटर्न में 2020-21 के वित्तीय वर्ष में 2.64 लाख रुपये से 2021-22 में 9 लाख रुपए की आय तक दिखाया गया। ईडी जांच में एम3एम निदेशकों द्वारा वेतन में बढ़ोतरी को सीधे सुधीर परमार से जोड़ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि एम3एम ग्रुप ने आईआरईओ ग्रुप से 400 करोड़ रुपये लिए हैं। एम3एम ग्रुप में ट्रांजेक्शन को डेवलपमेंट पेमेंट दिखाया गया है। ईडी इस मामले में एम3एम ग्रुप की करोड़ों रुपये की संपत्ति अब तक जब्त कर चुकी है।

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