नूंह हिंसाः नोटिस मिलने के आधे घंटे में चला बुलडोज़र, अब तक 200 लोग गिरफ़्तार

Haryana Hindi

DMT : नूंह  : (05 अगस्त 2023) : –

प्रशासन ने हरियाणा के नूंह ज़िले में शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए कई मकान और ढांचे तोड़ दिए.

नूंह में शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा पड़ोसी ज़िले गुरुग्राम तक फैल गई थी. इस हिंसा में छह लोग मारे गए हैं जिनमें दो होमगार्ड हैं.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के मुताबिक़ अब तक 202 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और 80 को हिरासत में लिया गया है.

नूंह ज़िले में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के आह्वान पर हो रही यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी.

इस हिंसा को सुनियोजित बताते हुए अनिल विज ने कहा था कि अगर ज़रूरत पड़ेगी तो बुलडोज़र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसी बीच गुरुग्राम के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला और डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पंवार का तबादला कर दिया गया है.

तबादले से कुछ घंटे पहले मीडिया से बात करते हुए प्रशांत पंवार ने कहा था कि अवैध भूमि पर बने ढांचों को तोड़ा गया है.

नल्हड़ शिव मंदिर के पीछे पांच एकड़ ज़मीन को भी खाली कराया गया है.

बजरंग दल की यात्रा इस मंदिर से शुरू हुई थी और यहां से कुछ आगे चलकर टकराव हो गया था.

वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अख़बार से कहा है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई का सांप्रदायिक हिंसा से कोई संबंध नहीं हैं.

स्थानीय निवासी आस मोहम्मद ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा है, “मैं काम के लिए निकल रहा था कि मेरा घर तोड़ने के लिए मुझे वन विभाग की तरफ़ से नोटिस दिया गया. इसके आधे घंटे के भीतर ही मेरा घर तोड़ दिया गया.”

आस मोहम्मद के मुताबिक़ नोटिस में कहा गया है कि घर को दो दिनों में तोड़ दिया जाएगा लेकिन आधे घंटे के भीतर ही घर पर बुलडोज़र चला दिया गया.

अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस नोटिस पर 30 जून की तारीख़ है और इस पर लिखा है, “ये ज्ञात हुआ है कि आप अधिसूचित सुरक्षित वन भूमि पर गैर-वन कार्य कर रहे हैं. आपसे नोटिस प्राप्त होने के सात दिन के भीतर जवाब दाख़िल करने के लिए कहा जाता है.”

इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर ने तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे वन विभाग के एक अधिकारी से इस बारे में प्रश्न किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिल सका.

जज रोहित देव के इस इस्तीफ़े से लोग हैरान हैं.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की सिफ़ारिश पर हाई कोर्ट ने जस्टिस रोहित देव का तबादला कर दिया था और उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट चुनने का विकल्प दिया गया था.

अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ अधिवक्ता जस्टिस रोहित देव के इस्तीफ़े को तबादले के इसी आदेश से जोड़कर देख रहे हैं लेकिन देव ने स्वयं ये कहा है कि उनके इस्तीफ़े के कारण व्यक्तिगत हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता रोहित देव ने शुक्रवार को खुली अदालत में कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

अधिवक्ताओं के मुताबिक़ संभवतः ये पहली बार है जब हाई कोर्ट के किसी जज ने खुली अदालत में इस तरह इस्तीफ़ा दिया है.

जस्टिस रोहित देव ने कहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सीधा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है और इसकी कॉपी सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस और हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को भेजी है.

जस्टिस देव ने 2022 में जीएन साईंबाबा को बरी कर दिया था. साईंबाबा को नक्सली गतिविधियों के आरोप में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.

जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगा राम मंदिर का उद्घाटन

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन अगले साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में 14 से 24 जनवरी के बीच होगा.

ट्रस्ट के मुताबिक़, उद्घाटन की तारीख़ प्रधानमंत्री के पुष्टि करने के बाद तय की जाएगी.

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक न्यौता भेज दिया गया है.

ट्रस्ट ने इस कार्यक्रम के लिए देशभर से 25 हज़ार हिंदू धार्मिक नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बनाई है.

ट्रस्ट को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम में दस हज़ार तक लोग शामिल हो सकते हैं.

उद्घाटन से पहले राम मंदिर ट्रस्ट रोज़ाना एक लाख संतों और श्रद्धालुओं को भोजन करायेगा.

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले से अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ़ हो गया था.

जहां राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उसी जगह पर मुग़लकालीन बाबरी मस्जिद थी जिसे 1992 में हिंदूवादी कार्यकर्तों ने ध्वस्त कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के तहत अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए अलग से जगह दी गई है.

इसका मक़सद सांप्रदायिक हिंसा में फंसे इस क्षेत्र में भाईचारे और शांति को बढ़ावा देना है.

वहीं कई खापों और किसान संगठनों ने शनिवार को जींद में सर्व धर्म सम्मेलन बुलाया है.

हिसार में राजथाल गांव के प्रमुख अनिल गोदारा ने कहा, “वोट हासिल करने के लिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की साज़िश रची जा रही है.”

नूंह में 31 जुलाई को वीएचपी और बजरंग दल की जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और बड़ी तादाद में वाहनों को जला दिया गया था

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