DMT : हिसार : (28 मई 2023) : – हिसार नगर निगम के पार्षद महेंद्र कुमार जुनेजा बिना दाखिला और बिना पढ़ाई किए ही डॉक्टर बन गए। उन्होंने खानपुर स्थित छत्रपति शाहु जी महाराज विश्वविद्यालय से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) का फर्जी सर्टिफिकेट 10 लाख रुपये में खरीदकर यह कारनामा किया। मामले का खुलासा उस समय हुआ जब महेंद्र ने काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन हरियाणा से पंजीकरण के लिए आवेदन किया। महेंद्र कई साल से हिसार के पटेल नगर में अपना क्लीनिक चला रहे हैं और लोगों का इलाज कर रहे हैं।
इस संबंध में पंचकूला के सेक्टर-5 के थाने में काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन हरियाणा के रजिस्ट्रार डॉ. दिनेश शर्मा की शिकायत पर महेंद्र जुनेजा, अंबाला के सेक्टर-7 निवासी डॉ. बंसल, डॉ. नवीन, डॉ. करण सरना और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले के अनुसार, महेंद्र के नाम 11 अप्रैल, 2022 के रजिस्ट्रेशन नंबर 28194 के तहत रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (नंबर 14496) जारी किया गया। इसके बाद हिसार के दवा नियंत्रक अधिकारी (डीसीओ) ने सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन के लिए 30 अगस्त, 2022 और 27 अक्तूबर, 2022 को दो बार काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन हरियाणा को पत्र लिखा।
सर्टिफिकेट का कार्यालय के रिकॉर्ड से मिलान किया गया तो पता चला कि सर्टिफिकेट 6 अप्रैल, 2022 को डॉ. नीलम के नाम से जारी किया गया है। 29 नवंबर, 2022 को हिसार डीसीओ को सूचना दी गई कि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फर्जी है और डॉ. महेंद्र जुनेजा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। काउंसिल ने महेंद्र को पत्र लिखकर व्यक्तिगत सुनवाई के लिए काउंसिल मुख्यालय बुलाया। 6 दिसंबर को महेंद्र सुनवाई के लिए काउंसिल पहुंचे और लिखित बयान दिए। उन्होंने कहा कि 5-6 साल पहले उनके बेटे ने एनईईटी के लिए आवेदन किया था और फॉर्म में उनका मोबाइल नंबर लिख दिया था। इसके बाद, चंडीगढ़ से डॉ. बंसल ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वह हरियाणा से उन्हें बीएएमएस का ओरिजनल सर्टिफिकेट दिलवा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए 10 लाख रुपये मांगे। उन्होंने 5 लाख रुपये उन्हें दे दिए और 5 लाख रुपये सर्टिफिकेट मिलने के बाद देने के लिए कहा। बाद में, डॉ. नवीन और डॉ. बंसल ने उन्हें पंचकूला के माजरी चौक बुलाया और बाकी के 5 लाख रुपये ले लिए और उन्हें बीएएमएस का सर्टिफिकेट और काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन हरियाणा द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दे दिया। महेंद्र ने बताया कि डॉ. बंसल, नवीन और डॉ. कर्ण सरना और एक अज्ञात व्यक्ति ऐसे कई फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने में शामिल हैं।
सरकारी गवाह बनने का दिया ऑफर
महेंद्र ने लिखित जवाब में काउंसिल को अपने सर्टिफिकेट दे दिए और इस मामले में सरकारी गवाह बनकर काउंसिल का सहयोग करने की बात कही। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि उनके 10 लाख रुपये की बरामदगी करवाई जाए।