DMT : चंडीगढ़ : (08 अक्टूबर 2023) : – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई ने शनिवार को सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर नदी जल को लेकर राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। विपक्षी दल ने जोर देकर कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ बांटने के लिए पानी नहीं है। भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समीप धरना दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना, लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल और पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी भी धरने में शामिल हुए।
भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने से रोकने के लिए नाकेबंदी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने बाद में भाजपा की पंजाब इकाई के नेताओं को हिरासत में भी लिया। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जाखड़ ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार ने गहरी साजिश के तहत एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने एसवाईएल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के रुख को कमजोर किया है। जाखड़ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा है कि वह नहर बनाने के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी दल और किसान इसका विरोध कर रहे हैं।
जाखड़ ने आप सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री मान सार्वजनिक रूप से कह रहे हें कि किसी अन्य प्रदेश के साथ साझा करने के लिए राज्य के पास पानी की एक बूंद भी नहीं है। इससे पहले पंजाब भाजपा ने पार्टी मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक की जिसमें एसवाईएल मुद्दे पर विचार किया गया।
सेना भी आ जाए, नहीं करने देंगे नहर का सर्वे : सुखबीर
संगरूर (निस) : एलवाईएल नहर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने इस मामले में मोर्चा लगाने की तैयारी कर ली है। पंजाब एवं हरियाणा की सीमा के पास पटियाला जिले के कपूरी गांव में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज ऐलान किया कि अगर सेना भी आ जाए तो अकाली दल केंद्रीय टीमों को इस नहर का सर्वे नहीं करने देगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 10 अक्तूबर को उनकी पार्टी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर का घेराव करेगी। कपूरी गांव से 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एसवाईएल नहर का शिलान्यास किया था। इसके बाद अकाली दल ने मोर्चा संभाल लिया था। प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था कि इस नहर का निर्माण नहीं किया जाएगा क्योंकि पंजाब के पास फालतू पानी नहीं है।