फाइल पर सीएम मान, मंत्री भुल्लर के हस्ताक्षर !

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DMT : चंडीगढ़ : (02 सितंबर 2023) : –

पंजाब में पंचायतें भंग करने का मामला गर्माता जा रहा है। उस फाइल की एक प्रति ऑनलाइन सामने आई है, जिसके आधार पर पंजाब में पंचायतों के चुनावों की घोषणा की गई थी। फाइल में मुख्यमंत्री भगवंत मान और ग्रामीण विकास मंत्री लालजीत भुल्लर के अलावा उन दो आईएएस अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, जिन्हें बृहस्पतिवार को पंचायत चुनाव विवाद में निलंबित कर दिया गया था। जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, उनमें ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के वित्त आयुक्त रहे डीके तिवारी और विभाग के निदेशक गुरप्रीत सिंह खैरा शामिल हैं।

मामले में विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है कि केवल अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई, जबकि संबंधित मंत्री को छोड़ दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सीएम और मंत्री ने केवल वही मंजूरी दी जो अधिकारियों ने फाइल पर रखी थी। उन्हें अधिकारियों द्वारा इस बात की जानकारी नहीं दी गयी कि चुनाव की घोषणा और पंचायतों का विघटन करने से पहले तय प्रक्रियाओं का अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया है। इस तरह सरकार को कोर्ट में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। इसकी जानकारी जैसे ही सीएम को हुई, उन्होंने तुरंत अधिसूचना वापस लेने का आदेश दिया। वे अधिकारियों के कार्यों के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं?”

इस बीच, इस मामले ने नौकरशाही में भी हलचल पैदा कर दी है, कई अधिकारियों ने दावा किया है कि निलंबित किए गए दोनों अधिकारी केवल अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहे थे।

दो अफसरों को किया था निलंबित

पंजाब सरकार ने गुरुवार को दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को ‘तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण निर्णय के लिए निलंबित कर दिया था, इसके कुछ ही घंटों बाद उन्होंने ‘यू-टर्न’ लेते हुए हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने वाली अपनी अधिसूचना वापस ले रही है।

विपक्ष ने सरकार को घेरा

चंडीगढ़ (एजेंसी)

कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंचायत मंत्री लालजीत भुल्लर के लिए कितनी शर्म की बात है। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही आधिकारिक टिप्पणी के अनुसार पंचायतों के विघटन को मंजूरी दे दी। फिर आईएएस अधिकारियों को बलि का बकरा बना दिया। पंजाब की ब्यूरोक्रेसी से आग्रह है कि वे उनके असंवैधानिक मंसूबों का हिस्सा न बने। अंत में आपको इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।नेता प्रतिपक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट किया, यह शर्मनाक है कि जिन्होंने पंचायतों को भंग करने के फैसले पर हस्ताक्षर किए थे, ने खुद को और अपने मंत्री को बचाने के लिए दो नौकरशाहों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश की है। अगर सीएम में कोई नैतिकता है, तो उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ‘सीधे इस्तीफा दे दे!शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि असली दोषी पंचायती राज मंत्री और मुख्यमंत्री हैं। हाईकोर्ट द्वारा यह स्पष्ट कर दिए जाने के बाद कि वह इस फैसले को रद्द करने जा रहे हैं तो मंत्री और सीएम खुद ही पीछे हट गए। ये लोकतंत्र की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को इन्हें बर्खास्त करना चाहिए।

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