राजस्थान: करौली में दलित युवती की हत्या के मामले में पुलिस के दावे और अनसुलझे सवाल

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DMT : करौली  : (17 जुलाई 2023) : –

राजस्थान के करौली ज़िले के एक गांव में एक दलित युवती की मौत के बाद से तनाव की स्थिति है.

प्रशासन की कोशिशों से कुएं से निकाले जाने के तीन दिन बाद युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन परिजन के आंसू अब तक नहीं सूखे हैं. गांव के कई लोग ख़ासकर दलित समुदाय सदमे में हैं.

युवती की एक महीने पहले ही सगाई हुई थी. जिस घर में खुशियां दस्तक देने वाली थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा है.

परिजन का आरोप है कि 19 साल की युवती के साथ गैंगरेप के बाद, उसके चेहरे को एसिड से जलाया गया और बाद में हत्या कर दी गई. उन्होंने पुलिस पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाया है.

उधर, पुलिस ने इसे ‘प्रेम प्रसंग’ से जुड़ा मामला बताते हुए दावा किया है कि मामले के अभियुक्त और उसके पिता को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक मामले की जांच जारी है. करौली के कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया है कि युवती के परिजन को नियम के मुताबिक पांच लाख रुपये की मदद दी जाएगी.

युवती का शव बीते गुरुवार (13 जुलाई) को कुंए से निकाला गया. उनका चेहरा बुरी तरह झुलसा हुआ था. पुलिस के मुताबिक युवती के शरीर के ऊपरी हिस्से में एक गोली भी मिली.

युवती के शव का दो बार पोस्टमार्टम किया गया. घटना से नाराज़ पीड़ित परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया. वो अभियुक्तों की गिरफ़्तारी, 50 लाख रुपये के मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे. परिजन शनिवार (15 जुलाई) तक धरने पर बैठे रहे. इस दौरान तीन दिन तक शव करौली के हिंडौन अस्पताल की मॉर्चरी में रखा रहा.

चुनावी साल में इस मुद्दे को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष ने पीड़ित परिवार को इंसाफ़ दिलाने की मांग के साथ धरना दिया. भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भीम आर्मी के कई नेता और कार्यकर्ता अस्पताल में आते जाते रहे.

क्या है मामला?

पीड़ित परिवार करौली की टोड़ाभील तहसील के बालघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में रहता है. इस गांव में कुल 400 घर हैं. इनमें से 35 दलित परिवार है. युवती के पिता दुबई में मजदूरी करते हैं और 13 जुलाई को ही वापस लौटे हैं.

परिजन के मुताबिक ये युवती अपने चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थी. 11 जुलाई की रात वो घर में सोई थी लेकिन 12 जुलाई की सुबह वो घर पर नहीं मिली.

परिजन के मुताबिक दिनभर उन्होंने युवती की तलाश की लेकिन किसी तरह की जानकारी नहीं मिलने पर वो बालघाट थाने पहुंचे.

युवती के रिश्तेदारों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत लेने से इनकार कर दिया.

उन्होंने बीबीसी को बताया, “रात को बालघाट पुलिस थाने गए थे. लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी और परिवार के साथ गए एक युवक के साथ बदसलूकी की. बाद में सबको थाने से भगा दिया.”

अगली सुबह (13 जुलाई को) युवती का शव गांव से क़रीब आठ किलोमीटर दूर नादौती रोड पर एक कुएं से बरामद हुआ.

पुलिस शव को नादौती अस्पताल ले गई. परिजन ने शव की पहचान की. इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नादौती से क़रीब 40 किलोमीटर दूर हिंडौन अस्पताल ले जाया गया.

परिजन ने आरोप लगाया कि युवती के साथ गैंगरेप हुआ है. उनका चेहरा एसिड से जलाया गया है और गोली मार कर उनकी हत्या की गई है.

जल्दी ही ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा अपने समर्थकों के साथ हिंडौन अस्पताल पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

पुलिस ने क्या बताया

पुलिस इसे प्रेम प्रसंग से जुड़ा मामला बता रही है. करौली की एसपी ममता गुप्ता ने इस मामले के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

एसपी ममता गुप्ता ने बताया, “युवती और अभियुक्त दोनों एक ही गांव के हैं और चार साल से परिचित थे. युवती की दो अप्रैल को सगाई हुई थी. तभी से वह अभियुक्त गोलू मीणा उर्फ़ चैन सिंह मीणा पर शादी का दबाव बना रही थीं.”

उन्होंने बताया, “शुरुआती पूछताछ में अभियुक्त ने युवती के साथ प्रेम प्रसंग की जानकारी दी है. शादी का दबाव बनाने पर गोलू युवती को बहला फुसला कर अपने फ़ार्म हाउस पर ले गया. जहां पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और देसी कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी.”

एसपी ने दावा किया, “बाद में अभियुक्त के पिता अमर सिंह उर्फ़ नहनाराम मीणा ने अपने बेटे को बचाने के लिए युवती की लाश नादौती तहसील के भीलापाड़ा गांव से आगे ले जाकर कुंए में डाल दी. शव को वहां डाल कर दोनों घर आ कर सो गए और दूसरे दिन गांव से फ़रार हो गए.”

उन्होंने बताया, “हमने मुख्य अभियुक्त 20 साल के गोलू मीणा उर्फ़ चैन सिंह मीणा को जयपुर के प्रतापनगर से गिरफ़्तार किया है. अभियुक्त के पिता अमर सिंह उर्फ़ नहनाराम मीणा को भी गिरफ़्तार किया गया है.”

करौली की एसपी ममता गुप्ता से बीबीसी ने भी बात की. उन्होंने हमें बताया. “हमने इस मामले में 376 डी, अपहरण और हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.”

हथियार बरामदगी से जुड़े सवाल पर एसपी ममता गुप्ता ने कहा, “अभी सर्च कर रहे हैं. अभी बरामद नहीं हुए हैं.”

उन्होंने कहा, “गैंगरेप और चेहरे को एसिड से जलाने की पुष्टि के लिए एफ़एसएल रिपोर्ट का इंतज़ार है.”

मामले पर राजनीति

इस मामले पर राजस्थान के विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हैं.

बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अपने समर्थकों के साथ हिंडौन अस्पताल के बाहर धरना दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी घटना की निंदा करते हुए सरकार से सवाल पूछे हैं.

वहीं, टोड़ाभीम से कांग्रेस विधायक पीआर मीणा अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए.

धरना खत्म करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा था, “लड़की मर गई अब उस पर ज़्यादा बात करना ठीक नहीं. अब उसकी लाश को ख़राब करना और राजनीति करना ठीक नहीं है.”

उन्होंने कहा, “राजनीति करने बीजेपी के नेता ऊपर से आ रहे हैं. सासंद डॉ किरोड़ी लाल मीणा से मेरी बात हुई. आरोपी पकड़ लिए गए हैं, आपकी यही मांग थी तो अब बात ख़त्म हुई.”

इस बयान को लेकर विपक्ष के नेताओं ने नाराज़गी जाहिर की.

उधर, राजस्थान अनूसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने बीबीसी से कहा, “हमारा काम है कि ऐसे मामले में तुरंत कार्रवाई हो और पीड़ित को न्याय मिले. लेकिन, राजनीतिक रूप से जब लोग फ़ायदे नुकसान के लिए बीच में आ जाते हैं तो यह अलग रूप धारण कर लेता है.”

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