इसराइल–हमास संघर्ष: ग़ज़ा पर लगातार हमलों के बीच वेस्ट बैंक का क्या हाल है?

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DMT : इसराइल : (20 अक्टूबर 2023) : –

इस समय दुनिया की निगाहें इसराइल-ग़ज़ा संघर्ष पर लगी हुई है. सात अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमले के बाद से इसराइल ग़ज़ा पर लगातार हमले कर रहा है. इससे इसराइल के कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में तनाव बढ़ रहा है.

अस्पताल पर हमले के लिए हमास ने इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है, वहीं इसराइल ने एक अन्य चरमपंथी गुट फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद को ज़िम्मेदार ठहराया है.

इस बीच फ़लस्तीनी प्रशासन के अध्यक्ष महमूद अब्बास के इस्तीफे की मांग ज़ोर पकड़ रही है. गुरुवार को रामल्ला में बड़ी संख्या में लोगों ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पथराव कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए फ़लस्तीनी सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड छोड़े.

ग़ज़ा में हताहतों की बढ़ती संख्या और बड़े पैमाने पर तबाही की तस्वीरों ने इस क्षेत्र में भी आक्रोश पैदा कर दिया है. इसराइल ने ग़ज़ा में रहने वाले फ़लस्तीनियों के लिए सड़क मार्ग बंद कर दी हैं, वहीं वेस्ट बैंक में भी उसने जांच चौकियों की संख्या बढ़ा दी हैं.

वेस्ट बैंक पर इसराइली हमला

न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी ने फ़लस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से ख़बर दी है कि गुरुवार को अलग-अलग घटनाओं में इसराइली सुरक्षा बलों ने सात फ़लस्तीनियों की जान ली. सात अक्तूबर के हमले के बाद से वेस्ट बैंक में इसराइली सुरक्षाबलों की कार्रवाई में अब तक कुल 73 लोगों की मौत हुई है.

सात अक्टूबर को इसराइल के ख़िलाफ़ हमास के हमले के पहले से ही वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनियों और इसराइली नागरिकों के बीच की हिंसा बढ़ गई थी.

उन्होंने कहा था, “बीते महीनों में तक़रीबन हर रात इसराइली सेना की घुसपैठ हुई है, इसराइलियों के ख़िलाफ़ फ़लस्तीनी हमलों और फ़लस्तीनियों और उनकी संपत्ति के ख़िलाफ़ इसराइली लोगों की हिंसा भी बढ़ी है.”

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ जनवरी से अब तक वेस्ट बैंक में क़रीब 179 फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है. साल 2023 पिछले दो दशक में सबसे अधिक खून-खराबे वाला साल है.

ग़ज़ा के एक अस्पताल पर हुए घातक हमले के बाद महमूद अब्बास अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ निर्धारित बैठक रद्द कर मंगलवार को जॉर्डन से वापस लौट आए.

उनके वेस्ट बैंक लौटने पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी रामल्ला के मनारा चौक पर उनका इंतजार कर रहे थे. ये लोग इसराइल और हमास के बीच संघर्ष पर अब्बास की प्रतिक्रिया को अप्रभावी बताकर इस मामले में अपनी नाराज़गी जता रहे थे.

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कुछ प्रदर्शनकारियों ने हमास नेताओं के समर्थन में नारे भी लगाए.

वेस्ट बैंक के नब्लस, तुबास और जेनिन शहरों में फ़लस्तीनी सुरक्षाबलों के साथ बीते दिनों झड़पें होने की भी खबरें हैं.

रॉयटर्स के मुताबिक़, “अब्बास के ख़िलाफ़ वेस्ट बैंक में विरोध प्रदर्शन लंबे समय से चल रहे, ये फ़लस्तीनियों के गुस्सा बताता है. अब्बास की सेना को इस क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर इसराइल के साथ समन्वय करने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है.”

क़रीब छह हज़ार वर्ग किलोमीटर का वेस्ट बैंक इसराइल के कब्ज़े वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है. यह जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है. इसकी सीमा उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में इसराइल और पूर्व में जॉर्डन से लगती है.

महमूद अब्बास के नेतृत्व वाला फ़लस्तीनी प्राधिकरण वेस्ट बैंक में सीमित स्वशासन का इस्तेमाल करता है.

साल 1993 में हुए ओस्लो समझौते के बाद एक अंतरिम सरकार के रूप में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण की स्थापना हुई थी.

इन समझौतों ने प्राधिकरण को वेस्ट बैंक और ग़ज़ा पट्टी के कुछ हिस्सों पर आंशिक रूप से संप्रभुता दी थी, जो कि पूर्वी यरूशलम के साथ भविष्य के फ़लस्तीनी का हिस्सा थे.

अब्बास को पहली बार 2005 में चार साल के कार्यकाल के लिए चुना गया था, लेकिन 18 साल बाद भी उन्होंने क्षेत्र में चुनाव कराने की इजाजत नहीं दी है.

अब्बास को पश्चिम के देशों में तो समर्थन हासिल है, लेकिन फ़लस्तीनी क्षेत्रों में वो अलोकप्रिय हैं.

वो कहते हैं, “(अब्बास के) निरंकुश शासन को कई फ़लस्तीनी इसराइल के कब्ज़े के विस्तार के रूप में देखते हैं.”

अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ वेस्ट बैंक में इसराइली बस्तियों को अवैध माना जाता है, लेकिन इसराइल ऐसा नहीं मानता है. देखा जाए तो बीते महीनों में इसराइली सेना का इलाक़े पर नियंत्रण लगातार बढ़ता जा रहा है.

अब्बास लंबे समय से खुद को इस्लामवादी आंदोलन कहने वाले हमास के विरोधी रहे हैं. हमास इसराइल के अस्तित्व के अधिकार से इनकार करता है. उसने शुरू में ही इसराइल और फ़लसिती के बीच किसी तरह की शांति प्रक्रिया को ख़ारिज कर दिया था.

हमास ने 2007 में अब्बास की पार्टी फतह को हराकर ग़ज़ा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया था. दोनों के बीच सुलह के लिए सालों चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.

सर्वेक्षणों के नतीजे बताते हैं कि फ़लस्तीनियों का अपने राजनीतिक नेताओं से मोहभंग हो गया है. कहा जाता है कि वेस्ट बैंक में कई लोग हमास के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करते हैं.

फ़लस्तीनी सेंटर फ़ॉर पॉलिटिकल रिसर्च (पीसीपीएसआर) ने सितंबर में वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनियों के बीच एक सर्वेक्षण कराया था. इसमें पता चला कि अगर इस क्षेत्र में केवल दो उम्मीदवारों हमास नेता इस्माइल हनिया और फ़लिस्तीनी प्राधिकरण के महमूद अब्बास के बीच राष्ट्रपति चुनाव कराया जाए तो हनिया को 58 फ़ीसदी और अब्बास को 37 फ़ीसदी वोट मिलेंगे.

इसी सर्वेक्षण में, 87 फ़ीसदी फ़लस्तीनियों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि फ़लस्तीनी प्राधिकरण के संस्थानों में भ्रष्टाचार है. वहीं 72 फ़ीसदी का मानना था कि हमास नियंत्रित संस्थान भ्रष्ट हैं.

इस सर्वेक्षण में शामिल 65 फ़ीसदी फ़लस्तीनियों का मानना था कि ओस्लो समझौते पर हामी भरने के बाद से उनकी स्थिति और ख़राब हुई हैं. वहीं केवल 20 फीसदी का मानना था कि उनकी स्थिति में सुधार हुआ है.

ग़ज़ा पर 2007 में हमास के नियंत्रण के बाद से इसराइल ने वहां चार युद्ध लड़े हैं.

लेकिन बीते सप्ताह शुरू हुआ यह पांचवां युद्ध सबसे घातक है. आने वाले दिनों में ग़ज़ा में जो होगा उसका असर वेस्ट बैंक पर ज़रूर पड़ेगा.

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