केजरीवाल के सरकारी आवास और 45 करोड़ रुपये ख़र्च करने की चर्चा क्यों

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DMT : दिल्ली  : (26 अप्रैल 2023) : – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास के नवीनीकरण में किए गए खर्च पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं.

बीजेपी ने दिल्ली के सीएम की ओर से अपने आवास पर कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने को लेकर उन्हें ‘शाही राजा’ बताया है, जिस पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा है कि ये घर 80 साल पुराना है और ये सुरक्षित नहीं रह गया था इसलिए इसको दोबारा से बनवाने की ज़रूरत थी.

बीजेपी का आरोप है कि टैक्स भरने वालों के पैसे से अरविंद केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये अपने आवास पर खर्च किए.

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने केजरीवाल को ‘शाही जीवन बिताने वाला राजा’ बताया और उनके इस्तीफ़े की मांग की.

बिधूड़ी ने कहा, “जब दिल्ली कोविड के चपेट में थी तो दिल्ली के मुख्यमंत्री करोड़ों का खर्च करके अपने घर को सजा रहे थे. साल 2013 में कहते थे- सरकारी घर, सुरक्षा और सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे लेकिन यहां तो उन्होंने घर को सजाने के लिए 45 करोड़ का खर्चा कर दिया.”

हाल ही में एक न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के हवाले से रिपोर्ट सामने आई कि दिल्ली के सीएम ने अपने घर के नवीनीकरण पर लगभग 45 करोड़ का खर्च किया है.

आम आदमी पार्टी का कहना है ये घर मुख्यमंत्री का अपना घर नहीं है बल्कि सरकारी आवास है, और ये ख़र्च सरकारी संपत्ति पर ही किया गया है.

आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा, “ये घर जर्जर हालत में था, इसे साल 1942 में बनाया गया था. यहां तीन हादसे हुए, सीएम के माता-पिता के कमरे की छत गिर गई, सीएम के बेडरूम की छत गिरी और उनके दफ़्तर की छत भी गिर गई. सार्वजनिक कार्य विभाग ने ये सुझाव दिया कि घर को दोबारा से बनाया जाए.”

अख़बार लिखता है कि पीडब्लूडी ने आकलन किया और ऑडिट के ऑर्डर दिए, इस ऑडिट रिपोर्ट में नया घर बनाने की सलाह दी गई. खर्च का एक बजट बना और उसे वित्त विभाग ने मंजूरी दी. अधिकारियों का कहना है कि सीएम के घर पर 30 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया और बाकी के पैसे सीएम आवास के कम्पाउंड में स्थित उनके कैंप ऑफ़िस में लगाए गए.

द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से देखे गए पीडब्ल्यूडी दस्तावेजों के अनुसार, सीएम के आवास में काम कराने की पहली मंजूरी 1 सितंबर, 2020 को दी गई थी. इसमें बिजली के काम और एक ऑटोमैटिक फायर अलार्म सिस्टम के साथ आरसीसी-फ़्रेम का काम शामिल था. दूसरी मंजूरी मई 2021 में “एक मॉड्यूलर किचन, लॉन्ड्री और पेंट्री आदि बनाने और मरम्मत कराने” के लिए दी गई थी.

इसके बाद अक्टूबर 2021 में “आवास के कैंपस में सिविल काम” के लिए मंजूरी दी गई. दिसंबर 2021 और जून 2022 में फिर बजट दिया गया.

पीडब्लूडी के दस्तावेज़ों में इस रिनोवेशन से जुड़ा जो ब्योरा दिया गया है उसके अनुसार, सिविल के अलावा आवास पर बिजली, पल्मिंग के काम, अलग-अलग स्मार्ट लाइट के लिए वोल्टेज फ़िक्सर, एनर्जी सफ़िशिएंट 80 पंखे, एक डंबवेटर लिफ्ट (खाना पहुंचाने वाली लिफ़्ट), 23 परदे शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी का कहना है इस खर्चे को बाकी सरकारी प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्चे के साथ तुलना करके देखना चाहिए.

पार्टी ने कहा, “प्रधानमंत्री के नए घर पर 467 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि सेंट्रल विस्टा की वास्तविक लागत 20,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. 7 आरसीआर को भी रिनोवेट कराने में 89 करोड़ रुपये लगाए गए थे. एलजी ने बीते कुछ महीनों में अपने घर के रिनोवेशन में 15 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बीजेपी इस मुद्दे को इसलिए उठा रही है क्योंकि वह असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है.”

केरल के शिक्षा काउंसिल ने तय किया है कि एनसीईआरटी के 11वीं और 12वीं पाठ्यक्रम से जो पाठ हटाए गए हैं वो राज्य के बोर्ड में पढ़ाए जाएंगे.

अख़बार को सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि करिकुलम कमेटी ने एनसीईआरटी से हटाए गए पाठ को लेकर फ़ैसला किया है, खासकर इतिहास के उन पाठ को लेकर जिसे एनसीईआरटी ने ‘सिलेबस रैशनलाइजेशन’ का हवाला देते हुए पाठ्यक्रम हटा दिया है.

केरल के शिक्षा काउंसिल एससीईआरटी ने कहा है कि ये सप्लीमेंट्री किताबें केरल में प्रिंट होंगी.

सूत्रों ने अख़बार से कहा कि हालांकि एनसीईआरटी ने कक्षा छठी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है, केरल केवल ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए एनसीईआरटी की किताबों पर निर्भर है, और इस तरह अन्य कक्षाओं के लिए इस बदलाव का कोई असर नहीं होगा.

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