DMT : अहमदाबाद : (03 जनवरी 2024) : –
निकारागुआ जाने वाले जिस विमान को मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस से वापस भेज दिया गया था, उसमें सवार गुजरात के 60 से अधिक लोग आव्रजन एजेंट को 60 -80 लाख रुपये देने के लिए राजी हुए थे और एजेंट ने उनसे लातिन अमेरिकी देश में पहुंचने के बाद अवैध ढंग से अमेरिका पहुंचा देने का वादा किया था। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक सप्ताह पहले एक एयरबस ए 340 विमान निकारागुआ जा रहा था और मानव तस्करी के संदेह में उसे चार दिनों तक फ्रांस में रोककर रखा गया था। उसमें 260 भारतीयों समेत 303 यात्री सवार थे। राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी— अपराध एवं रेलवे) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन यात्रियों में गुजरात के 66 लोग थे जो पहले ही राज्य में अपने-अपने मूल स्थानों पर पहुंच चुके हैं।
इस प्रकरण की जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक (सीआईडी-अपराध, रेलवे) संजय खराट ने बताया कि गुजरात के ये 66 लोग मुख्य तौर पर मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और आनंद जिलों के हैं और उनमें कुछ नाबालिग भी हैं। ‘हम पहले ही उनमें से 55 लोगों से पूछताछ कर चुके हैं। उनमें से अधिकतर आठवीं से 12 वीं कक्षा तक पढ़े हुए हैं। उनमें से हर एक ने कबूल किया कि वे स्थानीय आव्रजन एजेंट को दुबई के रास्ते निकारागुआ पहुंचने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल करवाने में मदद के लिए 60 लाख से 80 लाख रुपये देने पर राजी हुए थे।’ राज्य सीआईडी ने अबतक करीब 15 एजेंटों के नाम एवं फोन नंबर जुटा लिये हैं।
सीआईडी ने सीबीआई से यह भी पता करने में सहयोग मांगा कि कैसे इन एजेंट ने दुबई से (इन 55 लोगों के लिए) निकारागुआ का वीजा हासिल कर लिया, किसने दुबई से उनकी उड़ान बुक करायी और किसने इन यात्रियों के टिकट के लिए पैसे का भुगतान किया। वह विमान रोमानियाई कंपनी लीजेंड एयरलाइंस का है।
अमेरिका पहुंचने के बाद ही करना था पैसे का भुगतान
खराट ने कहा, ‘इन एजेंटों ने इन 55 लोगों से अमेरिका पहुंचने के बाद ही पैसे का भुगतान करने को कहा था। एजेंटों ने इन यात्रियों से कहा था कि उनके लोग उन्हें निकारागुआ से अमेरिका सीमा तक ले जायेंगे और वे उन्हें सीमा को पार कराने में मदद करेंगे। यह भी खुलासा हुआ है कि एजेंट ने इन यात्रियों के लिए विमान टिकट बुक कराया था और उन्हें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 1000-3000 डॉलर दिये थे।’ सीआईडी द्वारा मंगलवार को जारी किये गये बयान के अनुसार एजेंटों की रणनीति के तहत 10 से 20 दिसंबर के बीच ये 66 लोग अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली से दुबई गये थे। एजेंटों के निर्देश पर ये यात्री 21 दिसंबर को फुजैरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक निजी एयरलाइन के निकारागुआ जाने वाले विमान में सवार हुए थे।